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17 फ़रवरी 2011

राजस्थान के गृह मंत्री और उनके कारतूस

राजस्थान के गृहमंत्री शांति कुमार धारीवाल खुद अपने नोकरों की अव्यवस्था के शिकार हो गये और पिछले दिनों दिल्ली एयरपोर्ट पर सामन की तलाशी के दोरान बेग में जब १५ जिंदा कारतूस मिले तो पता चला के यह गलती हो गयी खुद के बेग की जगह बच्चे का बेग आ गया जाँच हुई संतोष प्रद जवाब दिया सी आर पी एफ संतुष्ट हो गयी और मामला रफा दफा हो गया ।
इस घटना को एक देनिक अख़बार ने अब तक दबाए रखा और ३१ जनवरी की इस घटना को विधान सभा के एक दिन पहले सोदेबाज़ी नहीं पट पाने से अख़बार में उछाल दिया बस फिर बात का बतंग्गढ़ तो बनना ही था , गृह मंत्री शांति कुमार धारीवाल राजस्थान के सबसे मजबूत और तेज़ तर्रार मंत्री हे सरकार में इनकी साख हे और इनके लियें मशहूर हे जो कहते हें वोह करते हें इसलियें नये राजस्थान के आईने में मुख्यमंत्री गहलोत के बाद अगर कोई दुसरे नम्बर पर नामा आता हे तो वोह शान्ति धारीवाल का ही नाम आता हे बस इनकी कमीज़ विपक्ष से सफेद केसी इसी मामले को लेकर विपक्ष ने एक अख़बार के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा और मुर्दा मामले में जान डालने की कार्यवाही शुरू कर दी बिना किसी सबूत के दिल्ली एयर पोर्ट पर कारतूस पकड़े जाने फिर खुद को बचाने जवाब देने फिर कार्यवाही की लीपापोती की कपोल कल्पित खबरें प्रकाशित हुईं और आज राजस्थान की विधान सभा प्रमुख मुद्दों से भटक कर केवल इस मुद्दे के हंगामे तक सिमित हो कर रह गयी ।
शांति धारीवाल खुद लाइसेंसधारी हें उनके अंग रक्षक हे उनके पुत्र के पास लाइसेंस हे और खद रह मंत्री हे ऐसे में उनके बेग में निकले कारतूस किसी अपराध का हिस्सा तो नहीं हो सकते एक निरपराध भाव से सद्भाविक भूल के चलते अगर कोई व्यक्ति दुसरा बेग उठा कर ले जाता हे वोह भी खुद नहीं उनके नोकर चक्र यह भूल करते हें तो इस भूल को इतना तूल देना बेवकूफी से ज्यादा और कुछ नहीं हे ।
देश में आर्म्स एक्ट बना हुआ हे किसी के पास से अगर कारतूस या अवेध हथियार निकलते हें तो सबसे पहले उससे सम्बन्धित बरामदगी सामन का लाइसेंस माँगा जाता हे इस मामले में भी यही हुआ अचानक कारुट्स दिखे लाइसेंस या सोर्स मांगे गये और विधि अनुसार इसका जवाब पेश कर दिया गया असी आर पी एफ जो केंद्र सरकार के नियन्त्रण में हे उसने जवाब स्वीकार कर प्रकरण ख़ारिज कर दिया तो फिर किस बात का हो हल्ला क्या किसी गृह मंत्री के नोकरों से या परिजनों से चुक सद्भाविक चुक नहीं हो सकती और किसी भी सद्भाविक चूक के लियें कोई भी राजनीती नहीं की जा सकती सजा देना तो दूर की बात हे विपक्ष और अखबारों की ब्लेकमेलिंग की राजनीति इन हालातों में कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती ।
शांति धारीवाल कोटा के विधायक तो हें लेकिन राजस्थान ही नहीं देश की आन बान शान हें और कोंग्रेस के सजग सतर्क तेज़ तर्रार सिपाही हें बस यही उनका अपराध हे ऐसे में एक सद्भाविक भूल को विपक्ष जब हथियार बनाना चाहता हो तो देश के गम्भीर निष्पक्ष मीडिया,गम्भीर विपक्ष के नेताओं को सद्भाविक भूमिका निभाना होगी और जो लोग इस छोटी से घटना को बढा चढा कर राजनीति करना चाह रहे हें उनके मुख पर कालिख पोतना होगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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