आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

16 जनवरी 2025

विजय जोशी द्वारा सम्पादित कृति

 

विजय जोशी द्वारा सम्पादित कृति
"पुरातत्वविद् रमेश वारिद : चयनित आलेख
सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक वैभव " का विमोचन और सम्मान...............
** आर के पुरम में कथाकार समीक्षक विजय जोशी की सम्पादित कृति पुरातत्वविद् रमेश वारिद : चयनित आलेख सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक वैभव " का विमोचन संस्कृति, साहित्य,मीडिया फोरम कोटा के तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर रमेश वारिद के संदर्भ में कृति पर परिचर्चा भी की गई।
** विजय जोशी को मुंबई में हिंदी अकादमी द्वारा राष्ट्रीय गौरव सम्मान से सम्मानित होने के उपलक्ष्य में उपस्थित साहित्यकारों ने जोशी का तिलक लगा कर माल्यार्पण कर सम्मान किया।
** इस अवसर पर पूर्व संयुक्त निदेशक (जनसंपर्क ) डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ने कहा कि इस कृति में पुरातत्वविद् रमेश वारिद के समय - समय पर लिखित एवं विभिन्न पत्र - पत्रिकाओं में प्रकाशित आलेखों का संचयन है जिन में संस्कृति, इतिहास और पुरातत्व से सम्बन्धित शोधात्मक पक्ष उभर कर सामने आया है। यह कृति कला, संस्कृति, इतिहास और पुरातत्व के सन्दर्भों में शोधार्थियों एवं अध्येताओं के लिए उपयोगी है। उन्होंने कहा जोशी को हिंदी अकादमी द्वारा सम्मानित किया जाना हाड़ोती के साहित्यकारों के लिए गौरव की बात है।
** वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा रामू भैया ने कहा कि संस्कृतिकर्मी एवं पुरावेत्ता रमेश वारिद ने अपने लेखन से हाड़ौती अंचल की संस्कृति, इतिहास और पुरासम्पदा पर महत्वपूर्ण लेखन करते हुए कला संस्कृति से सम्बन्धित शोध सन्दर्भों को समृद्ध किया है।
** वरिष्ठ साहित्यकार एवं समालोचक जितेन्द्र निर्मोही ने गद्यकार पण्डित रामनिवास सौरभ से जुड़े प्रसंगों के माध्यम से कहा कि रमेश वारिद ने साहित्य एवं संस्कार पर गहरे विवेचन के साथ कला, शिल्प, धरोहर और इससे सम्बन्धित स्थलों पर अपने शोधपरख आलेखों में अज्ञात तथ्यों को उद्घाटित किया है। ये आलेख अनुसंधानात्मक मार्गदर्शन प्रदान कर सम्बन्धित विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।
** कृति के सम्पादक कथाकार एवं समीक्षक विजय जोशी ने कहा कि पुरातत्वविद् रमेश वारिद के ये सभी आलेख सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक वैभव को उजागर करते वे पृष्ठ हैं जिनमें आंचलिक विशेषताओं की आभा, लोक संवेदना की भावभूमि, स्थापत्य का लालित्य, पुराकाल की पृष्ठभूमि , कला सन्दर्भों का अनुनाद और बतियाते चित्रों की श्रृंखलाएँ हैं।
-------------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...