उनके ऊपर सब्ज़ क्रेब और अतलस की पोशाक होगी और उन्हें चाँदी के कंगन पहनाए
जाएँगे और उनका परवरदिगार उन्हें निहायत पाकीज़ा शाराब पिलाएगा (21)
ये यक़ीनी तुम्हारे लिए होगा और तुम्हारी (कारगुज़ारियों के) सिले में और तुम्हारी कोशिश क़ाबिले शुक्र गुज़ारी है (22)
(ऐ रसूल) हमने तुम पर क़ुरआन को रफ़्ता रफ़्ता करके नाजि़ल किया (23)
तो तुम अपने परवरदिगार के हुक्म के इन्तज़ार में सब्र किए रहो और उन लोगों में से गुनाहगार और नाशुक्रे की पैरवी न करना (24)
सुबह शाम अपने परवरदिगार का नाम लेते रहो (25)
और कुछ रात गए उसका सजदा करो और बड़ी रात तक उसकी तस्बीह करते रहो (26)
ये लोग यक़ीनन दुनिया को पसन्द करते हैं और बड़े भारी दिन को अपने पसे पुश्त छोड़ बैठे हैं (27)
हमने उनको पैदा किया और उनके आज़ा को मज़बूत बनाया और अगर हम चाहें तो उनके बदले उन्हीं के जैसे लोग ले आएँ (28)
बेशक ये कु़रआन सरासर नसीहत है तो जो शख़्स चाहे अपने परवरदिगार की राह ले (29)
और जब तक ख़ुदा को मंज़ूर न हो तुम लोग कुछ भी चाह नहीं सकते बेशक ख़ुदा बड़ा वाकि़फकार दाना है (30)
जिसको चाहे अपनी रहमत में दाखि़ल कर ले और ज़ालिमों के वास्ते उसने दर्दनाक अज़ाब तैयार कर रखा है (31)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 नवंबर 2024
(ऐ रसूल) हमने तुम पर क़ुरआन को रफ़्ता रफ़्ता करके नाजि़ल किया
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)