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24 अप्रैल 2024

संभाग स्तरीय संदर्भ व्यक्ति नेत्रदान जागरूकता कार्यशाला सम्पन्न

  संभाग स्तरीय संदर्भ व्यक्ति नेत्रदान जागरूकता कार्यशाला सम्पन्न

शाइन इंडिया फाउंडेशन द्वारा हाड़ौती संभाग में नेत्रदान जागरुकता का कार्यक्रम पिछले 13 वर्षों से अनवरत जारी है, इसी क्रम में बीते दिनों सोमवार को नगर निगम,कोटा के सभागार में शाइन इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक ईबीएसआर बीबीजे चैप्टर कॉर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ ने 300 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ में नेत्रदान के विषय पर जरूरी जानकारी साझा की ।


हाड़ौती संभाग से आयी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पहली बार यह जाना की, मृत्यु के बाद भी 6 से 8 घंटे तक नेत्रदान संभव हो जाता है, और नेत्रदान की प्रक्रिया में सिर्फ कॉर्निया ही लिया जाता है, पूरी आंख नहीं ली जाती है,उन्हें यह भी भ्रांति थी की,मृत्यु के बाद आंखें उसी समय ख़राब हो जाती है, फिर उनका किसी तरह का उपयोग संभव नहीं है ।


डॉ गौड़ ने बताया कि, मृत्यु के बाद मृत शरीर से आँख के ठीक सामने का पारदर्शी हिस्सा कॉर्निया लिया जाता है,जिसमें ना किसी तरह का रक्त आता है,और ना ही चेहरे में कोई विकृति आती है । नेत्रदान की प्रक्रिया 10 मिनट में संपन्न हो जाती है, हर वह व्यक्ति जो की चश्मा लगाता हो,जिसका मोतियाबिंद का ऑपरेशन हो गया हो,जिसकी ब्लड प्रेशर डायबिटीज या थायराइड की दवाई चल रही हो ऐसे व्यक्ति का भी मृत्यु के बाद नेत्रदान संभव है ।


भ्रांतियों का निवारण करते हुए डॉ गौड़ ने बताया कि,भारत में कई ऐसे लोग हैं,जिनका जीवन अंगों के अभाव के कारण मृत्यु के करीब आ चुका है,परंतु सामाजिक रीति रिवाज और भ्रांतियां के कारण ब्रेनडेड हो चुके मरीज के अंग किसी जरूरतमंद को नहीं दिए जा पा रहे हैं ।


आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए डॉ गौड़ ने कहा कि, आप सभी चिकित्सा विभाग की महत्वपूर्ण धुरी है, आपको आपके क्षेत्र के एक-एक घर की स्वास्थ्य संबंधित सारी जानकारी प्राप्त रहती है,इसी तरह आपके क्षेत्र में होने वाली किसी भी तरह की मृत्यु की जानकारी भी आपको तुरंत प्राप्त होती है । आपके क्षेत्र के लोगों में आपके प्रति काफी विश्वास रहता है,यदि आप स्वयं आगे आकर शोकाकुल परिवार के सदस्यों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करेगी,तो इस बात के शत प्रतिशत संभावना रहेंगी की,नेत्रदान का कार्य संभव हो ।


आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने यह आश्वासन दिया है कि,जल्द ही वह अपने क्षेत्र में नेत्रदान जागरूकता की कार्यशालाएं और शिविरों का आयोजन करने के लिए संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन को संपर्क करेंगी । नेत्रदान की कार्यशाला से प्रेरित होकर काफी महिलाओं ने अपने नैत्रदान संकल्प पत्र भरने की और ज्योति-मित्र बनने की इच्छा जाहिर की । कार्यशाला के आयोजन के लिए नगर निगम में कार्यरत हेमलता गांधी जी का भी सहयोग रहा ।

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