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20 फ़रवरी 2024

छात्र-छात्राओं के साथ नैत्रदान जागरूकता कार्यशाला आयोजित

छात्र-छात्राओं के साथ नैत्रदान जागरूकता कार्यशाला आयोजित
2.सामाजिक कार्य में योगदान बढ़ाता है,बच्चों का आत्मविश्वास


वर्ष 2011 से हाडोती संभाग में नेत्रदान,अंगदान और देहदान के लिए,कार्य कर रही सामाजिक संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन, काफी समय से स्कूल के विद्यार्थियों के साथ नेत्रदान के विषय पर जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन करती आ रही है,संस्था के माध्यम से 400 से अधिक निजी व राजकीय विद्यालयों के हजारों बच्चों को अभी तक जागरूक किया जा चुका है ।

इसी क्रम में झालावाड़ स्थित रूपनगर पब्लिक स्कूल, में भी विद्यार्थियों, मैनेजमेंट स्टाफ और बस ड्राइवर के साथ में नेत्रदान के विषय पर शाइन इंडिया फाउंडेशन और बीबीजे चैप्टर के कॉर्डिनेटर डॉ० कुलवंत गौड़ एवं ज्योति-मित्र नितिन कटारिया ने बहुत ही उपयुक्त जानकारी दी।
प्रमुख वक्ता डॉ० गौड़ ने बच्चों को प्रेरक कहानियों के माध्यम से बताया कि,इस मनुष्य जन्म में आप जो भी पुण्य कार्य करेंगे,उनका उत्तम लाभ आपको किसी न किसी रूप में इसी जन्म में मिलेगा ।

पहली बार जाना की एक व्यक्ति से प्राप्त आंखें 10 को भी दे सकती है रोशनी

डॉ० गौड़ ने आँख से संबंधित रोचक जानकारी देते हुए बताया कि बताया कि,हमारी आँख में 576 मेगापिक्सल का कैमरा होता है,शरीर के सभी अंगों में सबसे ज्यादा जटिल संरचना आँख ही होती है,हम पूरे जीवन काल में जो भी सिखते हैं, उसका 85% आँख के माध्यम से ही सीखते हैं, ज्ञात हो की, यदि 15-20 साल से नीचे के उम्र के किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो ऐसे व्यक्ति के एक कॉर्निया की पाँच परतों से 5 अलग-अलग लोगों को रोशनी दी जा सकती है,इस तरह से दो कॉर्निया से 10 लोगों को रोशनी मिल सकती है ।

बच्चों को यह भी बताया गया कि, नेत्रदान की प्रक्रिया कम समय में होने वाली रक्त विहीन प्रक्रिया है । जिसमें सिर्फ कॉर्निया लिया जाता है, पूरी आँख नहीं ली जाती है,प्राप्त कॉर्निया को एम के मीडियम नमक द्रव्य में चार दिन तक एवं कॉर्निसोल में 4 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है । समय रहते यदि नैत्रदान का कार्य संपन्न किया जाए,तो न सिर्फ दो दृष्टिहीनों के जीवन में रोशनी आती है,बल्कि हम अपने मृत परिजनों को भी,पुनः जीवन देने में सहायक हो पाते हैं ।

बीबीजे चैप्टर के कॉर्डिनेटर डॉ गौड़ ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि,बच्चों में इस  तरह के संस्कार रोपने का यही एक समय है ! जिस नेक कार्य कि जानकारी हमको भी देरी से हुयी,तो कम से कम वह अब और बच्चों तक ज्यादा देर से न पहुंचे ! क्योंकि हमारी सजगता ही किसी के जीवन में रौशनी लाने में सहायक होगी !

नेत्रदान कार्यशाला से प्रेरित हो,20 लोगों ने लिया नैत्रदान संकल्प
 
कार्यशाला के अंत में निदेशक दीपशिखा ने शाइन इंडिया के सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुऐ कहा कि, बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये उनको इस तरह के सामाजिक कार्यों की जानकारी होना आवश्यक है । हम प्रयास करेंगे कि,प्रतिवर्ष नये बच्चों के साथ नैत्रदान-अंगदान-देहदान विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जा सकें ।

नैत्रदान संकल्प लेने वालों में,अमित राठोरिया,नीलम योगानंद,वर्षा राठौर,दिशा दवे,मनीषा पांडे,आर के मिश्रा,अवदेश गुप्ता,जयदत्त शर्मा,सुभाष राजावत,राहुल अग्रवाल,ललित अग्रवाल थे ।

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