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13 मार्च 2023

रविवार जयपुर होटल आरको पैलेस अल्पसंख्यक समुदाय महिला शिक्षा पर चर्चा जनाब अतीक साहब फाउंडर मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी द्वारा एक कामयाब सेमिनार का समापन हुआ

 

रविवार जयपुर होटल आरको पैलेस अल्पसंख्यक समुदाय महिला शिक्षा पर चर्चा जनाब अतीक साहब फाउंडर मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी द्वारा एक कामयाब सेमिनार का समापन हुआ अल्पसंख्यक समुदाय के सभी संगठनों सभी तंजीमो के लोग इस मीटिंग में उपस्थित रहें और सब ने अपने अपने विचार रखे मुझे भी इसमें अपनी बात रखने का मौका मिला जनाब अयूब साहब कांग्रेस प्रत्याशी जोधपुर जनाब अशफाक साहब रिटायर्ड आईएएस, हारून खान साहब प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक अधिकारी कर्मचारी महासंघ जनाब हिदायत खान धोलिया साहब पूर्व चेयरमैन राज्य मंत्री, जनाब सलावत खान साहब पूर्व चेयरमैन राज्य मंत्री वक़्फ़ बोर्ड, जनाब असलम शेर खान साहब आर ए एस, जनाब शाहिद जैन साहब ज्वाइंट सेक्रेट्री फाइनेंस, जनाब सईद अहमद साहब महासचिव एपीजे अब्दुल कलाम एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट, जनाब सदरूद्दीन साहब मोहम्मदी हॉस्पिटल, जनाब इरफान कुरेशी साहब आईआरएस, जनाब शौकत अंसारी साहब पूर्व चेयरमैन वक़्फ़ बोर्ड, जनाब फरहत अली साहब प्रदेश सचिव महासंघ, जनाब अख्तर हिंदुस्तानी साहब , जनाब अमीन साहब डिप्टी रजिस्ट्रार मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी, जनाब डॉक्टर नजमुल हसन साहब कोषाध्यक्ष एपीजे अब्दुल कलाम ट्रस्ट जनाब, डॉक्टर गफ्फार साहब ,जनाब रईस भाई जालूपुरा जनाब शौकत कुरेशी साहब मुस्लिम मुसाफिर खाना जयपुर, जनाब नईम कुरैशी साहब पूर्व सदर जमा मस्जिद, मोहतरमा जाहिदा शबनम चेयरमैन महिला सदन, मोहतरमा शबनम जी, मोहतरमा फोजिया खान जी (दुर्रू मियां साहब एक्स मिनिस्टर) जयपुर हाफिज मंजूर साहब, जनाब डॉक्टर शोएब साहब, डॉ आयशा बहन सहित सैकड़ों की तादाद में सभी जिम्मेदार लोग रहें और सभी ने अपने अपने विचार रखें मुख्य रूप से जयपुर कोटा अजमेर मैं यूनिवर्सिटी की मांग राजस्थान के मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक गहलोत साहब से की जाएगी और पूरी उम्मीद भी नजर आ रही है आप सभी लोगों से दुआ की दरख्वास्त
शेष पढे मारवाड़ एजुकेशन सोसाइटी की वॉल से
*जयपुर में एक दिवसीय परिचर्चा 12 मार्च को*
*मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी एवं मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी, जोधुपर* की ओर से *रविवार 12 मार्च 2023* को *सबुह 11 बजे* जयपुर की होटल आर्को पैलेस में *‘अल्पसख्यक शिक्षाः महिलाओं की भूमिका‘* विषय पर *एक दिवसीय परिचर्चा* में आप सभी *सादर आमंत्रित* है। परिचर्चा में *राज्य स्तर के प्रख्यात् शिक्षाविद् एवं बुद्धिजीवी शिर्कत* करेंगे।
*मौलाना आजाद विश्वविद्यालय*
*जोधपुर*
*अल्पसंख्यक: शिक्षा - महिलाओं की भूमिका विषय पर सत्र*
*तिथि: 12 मार्च, 2023*
*समय: 11:00 – 01:30 बजे*
*स्थान: होटल आर्को पैलेस - जयपुर*
*अनुसूची:*
*समय 11-11:15 AM*
*पंजीकरण*
*पैनल चर्चा*
*समय 11:15-12:00 बजे दोपहर*
*सामुदायिक विकास में महिलाओं की भूमिका*
*समय 12:00 - 1:00 बजे उच्च शिक्षा - वर्तमान और भविष्य*
*समय 1:00- 1:30 बजे: खुली चर्चा*
*समय दोपहर 1:30 बजे: संकल्प*
*समय दोपहर 1:45 बजे - लंच*
*आपको सत्रों में भाग लेने और विषय पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।*
*आयोजक:*
*मुहम्मद अतीक*
*चेयरपर्सन*
*मौलाना आजाद विश्वविद्यालय, जोधपुर*
*9414127387*
*मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी, जोधपुर*
*उद्देश्य*
*ये सोसायटी* समाज और देश के विकास के लिए शिक्षा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ अनेक सामाजिक, मानवीय सरोकारों से जुड़े कार्यों और क्रिया-कलापों के जरिये समाज को मज़बूत बनाने का निरन्तर प्रयास कर रही है।
*सोसायटी* द्वारा विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त अनुभवों को देखते हुए *अपने प्रदेश के कमज़ोर मुस्लिम समुदाय की आवश्यकताओं को मद्देनजर रखते हुए साथ ही समाज के अति पिछड़े वर्ग को उच्च शिक्षा एवं तकनीकी प्रशिक्षण में किस तरह से जोड़ा जाये,* इसके लिये *प्रदेश के तीन अलग-अलग शहरों में क्रमशः जयपुर, कोटा एवं अजमेर शरीफ में तीन नई यूनिवर्सिटी कायम करने की कोशिश शुरू की है।* आप सब लोगों से *दरख्वास्त है कि सोसायटी की इस मुहिम में अपना सहयोग* देते हुए *राज्य सरकार को इन तीन नये विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये अपनी तरफ से पुरजोर सिफारिश करें।*
*‘सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं,*
*सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते।‘*
*जो लोग* मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के इस ‘ध्येय वाक्य‘ का पालन पूरे मनोयोग से कर सकते हैं, सही मायने में वही लोग *‘एक स्कूल से शुरू करके यूनिवर्सिटी बनाने तक का सपना‘* पूरा कर सकते हैं।
*हिन्दुस्तान के मगरिबी सूबे राजस्थान में स्थित ऐतिहासिक नगर जोधपुर* के कुछ लोगों ने लगभग 9 दशक पहले एक खवाब देखा था- *भावी पीढ़ी को शिक्षित करने का, उन्हें हुनरमन्द और बाशऊर बनाने का, कामयाब और आदर्श नागरिक बनाने का तथा इस प्रकार देश की उन्नति और विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान करने का।*
सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि जिस किसी भी समाज या समुदाय को उन्नति और विकास के रास्ते पर ले जाना हो, उसे शिक्षित करना बेहद जरूरी है क्योंकि *नेल्सन मंडेला के शब्दों में कहें तो- ‘शिक्षा या ज्ञान वो सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे आप पूरी दुनिया बदल सकते हैं।‘*
*किसी शायर ने ठीक ही कहा है कि -*
*मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है*
*पंख से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है*
*न सिर्फ राजस्थान* राज्य बल्कि पूरे हिन्दुस्तान के लिए शिक्षा का आदर्श बनती जा रही *यह संस्था देश के प्रगतिशील अल्पसंख्यक संस्थाओं में शुमार होने लगी है।*
*सोसायटी के द्वारा स्थापित शैक्षिक संस्थानों* में नर्सरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक की शिक्षा-दीक्षा का प्रबन्ध है जहाँ सर्वधर्म-सम्भाव तथा नैतिक एवं सामाजिक मूल्यों के साथ विद्यार्थियों को शिक्षित-प्रशिक्षित किया जा रहा है। *साथ ही सोसायटी के द्वारा मानवीय सरोकारों से जुड़े तमाम कल्याणकारी कार्य भी किये जा रहे हैं।*
*सोसायटी का संक्षिप्त परिचय*
*आधुनिक जोधपुर के निर्माता और लोकप्रिय शासक ‘महाराजा उम्मेदसिंह जी‘* सभी धर्मों, जातियों और समुदायों से बराबरी का सलूक करते थे। उन्होंने किसी अवसर विशेष पर कहा था कि ‘*‘हिन्दू और मुसलमान मेरी दो आँखें हैं”* यही वजह है कि उनकी हुकूमत में हमेशा साम्प्रदायिक सौहार्द, अमनो-अमान व भाई-चारा बना रहा। *महाराजा उम्मेदसिंह जी की हमेशा यही इच्छा रही कि उनकी हुकूमत में सभी कौमों को तरक्की व खुशहाली का समान अवसर मिले।* महाराजा को मारवाड़ के मुसलमानों से बेहद लगाव रहा, नतीजतन यहाँ के मुस्लिम अवाम के तालीमी पिछड़ेपन को उन्होंने न सिर्फ महसूस किया बल्कि इस पिछड़ेपन को दूर करने के लिए ठोस प्रयास भी किये। *महाराजा ने अपने नये महल ‘‘उम्मेद भवन पैलेस’’ के संगे बुनियाद रखे जाने वाले रोज ही 21 नवम्बर, 1929 को मारवाड़ के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। उस दिन जल्सा-ए-आम में महाराजा उम्मेद सिंह जी के हुक्म से एक फरमान पढ़ा गया जो कुछ इस तरह था-*
*“श्री दरबार साहब ने फरमाया है कि मुस्लिम समुदाय* के लिए एक मुनासिब स्कूल बना दिया जाए। इस बाबत *‘डायरेक्टर ऑफ स्कूल‘ तजवीज पेश करें।*
इस एलान के साथ ही तकरीबन *93 वर्ष पूर्व 1929 में ‘मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी, जोधपुर’* की स्थापना हुई तथा *सोसायटी के अधीन दरबार मुस्लिम स्कूल की स्थापना* की गई।
आज़ादी के बाद *सन् 1970* में सोसायटी का पुनः नवीनीकरण कराया गया।
*सन् 1974 में* राजस्थान सरकार के आदेशानुसार पाल लिंक रोड पर यू.आई.टी. जोधपुर द्वारा *5* एकड़ जमीन मुसलमानों को नये स्कूल के भवन निर्माण हेतु आवंटित की गयी। आगे चलकर इस भूमि पर *1 जनवरी 1981* को नये स्कूल का निर्माण शुरू करते हुए *20* कमरों का भवन सन् *1988* में बनकर तैयार हुआ।
*11 सितम्बर, 1988* को *तत्कालीन मुख्यमन्त्री श्री शिवचरण माथुर तथा उस समय लोकसभा सदस्य व कांग्रेस अध्यक्ष माननीय अशोक गहलोत* ने इस *‘विद्यालय भवन‘* का उद्घाटन किया। *माननीय अशोक गहलोत के सुझाव पर विद्यालय का नाम ‘मौलाना अबुल कलाम आजाद मुस्लिम सेकंडरी स्कूल‘* रखा गया। दो साल बाद ही *‘सेकंडरी स्कूल‘ क्रमोन्नत होकर ‘सीनियर सेकेंडरी स्कूल‘* बन गया। इस सफर में आगे चलते हुए *सोसायटी ने 33 शैक्षणिक एवं कल्याणकारी संस्थान* स्थापित करते हुए मानव सेवा का एक लम्बा सफर तय किया।
*2013 से राज्य स्तर की पहली माईनोरिटी स्टेट्स की मौलना आज़ाद यूनिवर्सिटी जोधपुर* का संचालन सफलता पूर्वक किया जा रहा है। *हाल ही में माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी* ने यूनिवर्सिटी में स्थापित होने वाले *सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के भवन निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा जेडीए को 15 करोड आवंटित* किये है। साथ ही *राज्य सरकार के अल्पसंख्यक मामलात् विभाग की ओर से यूनिवर्सिटी को राज्य स्तर पर अल्पसंख्यक विषयों से जुड़े शोध कार्यो के लिए 2 करोड रूपये का आवंटन* भी किया गया।
*सोसायटी के इन विभिन्न इदारों* से अब तक *40* हजार से ज़्यादा *छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करके मानव सेवार्थ में न सिर्फ राजस्थान राज्य में बल्कि पूरे भारत और विश्व के विभिन्न देशों में अपनी विशिष्ठ सेवाओं से सोसायटी व अपने देश का नाम रोशन कर रहे है।*
*आज सोसायटी* के अधीन सभी शिक्षण संस्थानों में *40* प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी लड़कियों की है। यह सभी बच्चियाँ ज्यादातर मुस्लिम समाज के क़मज़ोर तबक़ों से है और कुछ हमारे बिरादराने वतन के घरों से है। हमारे लिये यह फख्र का मकाम है कि बिरादराने वतन पूरे भरोसे के साथ अपनी बच्चियों को यहाँ दाखिले के लिये आते है।
*उच्च शिक्षा में प्रोफेशनल एज्यूकेशन* के लिये विशेष तौर पर *नर्सिंग, फार्मेसी, आई.टी.आई., डी.एल.एड. व बी.एड कॉलेज* स्थापित किये गये। जिनके द्वारा *वर्तमान में प्रतिवर्ष 2 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स प्रोफेशनल कोर्सेस पूर्ण करके विभिन्न क्षेत्रों में उच्च आयामों* को छू रहे है।

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