केंद्र की सरकार हो , चाहे फिर राजस्थान की सरकार हो , यहां की पुलिस , प्रशासन और खुद सरकार के ज़िम्मेदारान ,, साइबर ठगी , साइबर क्राइम प्रोटेक्शन और एक्शन मामले में फिसड्डी साबित हुए है , हालात यह है , के हर रोज़ , वाट्सएप्प हैक करके , फेसबुक हेक क्रेक , ऑन लाईआं ट्रांजेक्शन ठगी करके , रोज़ मर्रा हज़ारों हज़ार वारदातें हो रही है , खुद न्यूज़ चेनल्स ,, प्रिंट मिडिया भी इस मामले में , अभियान चलाकर ,सरकार और ज़िम्मेदारों को सावचेत कर ऐसे ठग लोगों के खिलाफ अभियान चलाने के प्रति सरकार को मजबूर करने के मामले में फिसड्डी साबित हुआ है ,, जी हाँ दोस्तों , राजस्थान के हर वर्ग , हर समुदाय के लोग , इन दिनों , ऑन लाइन ठगी , साइबर क्राइम से आहत है , प्रताड़ित है , असुरक्षित है , रोज़ मर्रा , किसी के भी नाम से वाट्सएप्प एकाउंट बनाना उसकी तस्वीर लगाना और फिर हाय हेलो कर रूपये मांगना आम बात हो गई है , ,फेसबुक पर भी यही हाल है ,,ओ टी पी लेकर, ऐनी डेस्क के नाम पर , सामान बिक्री के नाम पर ,बैंक एकाउंट ,,ऐ टी एम कार्ड हैक करके राशि निकालने के नाम पर , विडिओ कॉलिंग करे, लड़कियों के ज़रिये , ब्लेकमेलिंग की धमकियां देकर , खाते में रूपये जमा कराने के नाम पर , रोज़ मर्रा ठगी दर ठगी की घटनायें हो रही है , अफ़सोस इस बात पर है , के केंद्र सरकार , साइबर क्राइम रोकथाम की खुली नौटंकी कर रही है ,,,, लेकिन कोई भी सकारात्मक क़दम नहीं उठाया जा रहा है , बैंकों में पृथक से सेल गठित है , यहां ऑन लाइन मार्केटिंग ठगी , की तुरंत सुचना देने पर भी , राशि फ्रिज कर देने के बाद भी , उपभोक्ताओं का क्लेम नहीं दिया जा रहा है , ,राजस्थान में नए साइबर थाने खोलने के आदेश है , हर ज़िले में साइबर थाने है , साइबर एक्सपर्ट हैं , लेकिन साइबर ठगी के मामले में , कोई रिकवरी नहीं है , ,अव्वल तो साइबर अपराध के मुक़दमे तुरंत दर्ज नहीं हो रहे है , टालमटोल ,, से पीड़ित दुखी है , अगर सिफारिश या प्रभावशाली होने की वजह से , एफ आई आर दर्ज भी हो जाए , तो तत्काल , उस ठग को गिरफ्तार करने की कोई पहल नहीं होती है , जबकि हर मोबायल नंबर, हर एकाउंट को साइबर एक्सपर्ट दो मिनट में ट्रेस कर सकते है , लेकिन तत्काल मुक़दमा दर्ज करने , तुरंत हरकत में आकर, साइबर ठग को गिरफ्तार करने के मामले में साइबर सुविधाओं के बाद भी , स्टाफ की कम , प्रशिक्षण की कमी बताकर, मोबाइल बंद करने , सार्वजनिक एकाउंट हैक होने की सुचना देने , मोबाइल नंबर बदलने , पासवर्ड बदलने की सलाह के बाद ,, टरकाने की शुरुआत होती रही है , ,ताज्जुब इस बात पर है के आम आदमी के साथ ठगी होती है , लापरवाही में ठगी होती है , लेकिन खुद वकील तबके से जुड़े लोग , पुलिस से जुड़े लोग , अधिकारीयों से जुड़े लोग , खुद अधिकारी वर्ग , कर्मचारी वर्ग , राजनितिक व्यवस्था से जुड़े लोग , और खुद पत्रकारिता से जुड़े लोग भी इस एकाउंट हक करने , रूपये मांगने , से पीड़ित है , लेकिन , अधिकतम तो , थाने में जाकर , इस अपराध के खिलाफ जंग का ऐलान करने के लिए , कोई मुक़दमा दर्ज ही नहीं कराते है , और अगर कोई हिम्मत ,करके थाने चला भी जाए तो अव्वल तो उसकी लिखित शिकायत लेकर उसे टरका दिया जाता है , काफी प्रभावशाली होने पर, एफ आई आर दर्ज कर ली जाती है , लेकिन स्टाफ नहीं है , प्रशिक्षण नहीं है ,साइबर सेल में , शिकायत भेजी है , एक्सपर्ट से जानकारी मांगी है , इसी में महीनों , लगा देते है , इस दौरान वोह ठग , बहुत लोगों से ठगी कर, सिम को बंद कर दूसरी सिम लेकर, काम शुरू कर देता है , लेकिन अगर बहुत ज़्यादा प्रभावशाली , वी आई पी नेता हो , अधिकारी हो , तो दस मिनट में पुलिस , और साइबर एक्सपर्ट , बाल की खाल निकाल लेते है , जब तत्काल कार्यवाही ऐसे मामलों में हो सकती है , तो फिर आम जनता के साथ हो रही ठगी में , अरबों अरब रूपये साइबर क्राइम प्रोटेक्शन के खर्च के नाम पर बर्बाद हो रह है , साइबर थानों , साइबर प्रोटेक्शन प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी ,कर्मचारियों की तनख्वाहें दी जा रही है, थानों की घोषणाएं हो रही है , खर्च हो रहे है , तो फिर , यह लेट लतीफी , ढील पोल , क्यों है , कोई जवाबदारी सुनिश्चित क्यों नहीं है , तत्काल हरकत में आकर, ऐसे ठगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर उन्हें ट्रेस कर हर मामले में गिरफ्तार कर बेनक़ाब करने की सरकारी , अधिकारियों , पुलिस को , मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री की हिदायत क्यों नहीं है , ऐसे लापरवाह अधिकारीयों , ज़िम्मेदारों को निलंबन के निर्देश क्यों नहीं हैं ,, चलो सरकार निकम्मी है , अधिकारी निकम्मे है , एक तंत्र , दो तंत्र , तीसरा तंन्त्र , लोकतंत्र के तीनों स्तम्भ नाकारा है , जनता बेपरवाह है , लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ,, तेज़ी से बढ़ते अख़बार , तेज़ी से बढ़ते न्यूज़ चेनल्स , उनके पत्रकार , उनके ज़िम्मेदार आम जनता के वाथ हो रही इस कार्यवाही को लेकर , चुप क्यों बैठे है , क्यों सरकार और उनके अधिकारीयों के हर घटना पर कान नहीं उमेठते , सवाल जवाब कर ,सरकारी निकम्मेपन को , क्यों नंगा नहीं करते , ,और बुद्धिजीवी वर्ग , चाहे अधिकारी वर्ग हो , चाहे राजनेता वर्ग हो ,, चाहे पत्रकार वर्ग हो , चाहे फिर , वकील ,, पुलिस वर्ग हो , इस सिस्टम में ढिलाई बरतने पर सरकार के खिलाफ , सिस्टम के खिलाफ नाकारा निकम्मे अधिकारियो के खिलाफ क्यों बगावत नहीं करते , हम हमारे हर वर्ग के लोग , सरकार को साइबर प्रोटेक्शन के नाम पर अरबों अरब रुपए बर्बाद करने और साइबर ठगों को , चुप्पी लेकर, खुलकर बढ़ावा दे रह है , तो मुख्य अपराधी हमारी चुप्पी भी एक हिस्सा है , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 फ़रवरी 2023
केंद्र की सरकार हो , चाहे फिर राजस्थान की सरकार हो , यहां की पुलिस , प्रशासन और खुद सरकार के ज़िम्मेदारान ,, साइबर ठगी , साइबर क्राइम प्रोटेक्शन और एक्शन मामले में फिसड्डी साबित हुए है
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