ख्वाजा गरीब नवाज़ , अजमेर शरीफ दरगाह हो , या फिर कोई भी अस्थाना हो ,, , धर्म, मज़हब , आस्थाओं के साथ खिलवाड़ कर ,, सियासत करने वाले , सियासी नेताओं ,, सियासी , मौलवी , मुल्लाओं , ,मुफ्तियों , को , सियासत कर अस्थानों की गरिमा गिराने से रोकने के लिए आस्थानों के ज़िम्मेदारों को , गाइडलाइन जारी कर ऐसी बेहूदगी को रोकने के लिए कढ़े क़दम उठाना ज़रूरी है , , इन दिनों , हट्टे , कट्टे सेहतयाब नेताओं के पास हमारे सियासी मौलवी , मौलाना , नेता लोग , ,चाहे किसी भी पार्टी के हों , वोह एक चादर लेते हैं , अपने अपने नेताओं , मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री , मंत्री , विधायक , पार्टी के अध्यक्ष , वगेरा वगेरा के पास जाते है , उनका हाथ लगवाते है , और फिर , उनके प्रतिनिधि बनकर उनकी तरफ से , ऐसे प्रचार प्रसार कर , आस्थानों पर चादर पेश करते हैं जैसे यह बुज़ुर्ग इनकी चादरों के मोहताज हो , यह नेता लोग , , पाकी पलीती का तो कितना ध्यान रखते है , यही जानें , लेकिन एक हष्ट पुष्ट , तंदरुस्त नेता , कलफ करते में खड़ा होता है , फोटो खिंचवाता है , और मज़हबी सियासत को गुमराह करने के लिए , आस्थाने की बेक़द्री करते हुए खुद तो जाता नहीं , और खुद की तरफ से चादर पेश करने का प्रचार कर , खुद को , आस्थाने के प्रति समर्पित बताने के प्रचार की गुमराही करता है , , अरे नहीं है तुम्हारी चादरों की ज़रूरत हमारे बुज़ुर्गों को , तुम्हारी छुई हुई चादरें , तुम्हारे नौकर चाकर ,बुग्ज़याये अधीनस्थों द्वारा सियासी गुलामी के तहत , दिखावे के तोर पर ऐसी चादरों की हरगिज़ हरगिज़ हमारे बुज़ुर्गों को ज़रूरत नहीं है , क्या नेताओं के हाथों में पैरों में महंदी लगी है , जो खुद आस्थाने पर जाकर चादर पेश करने में वोह गुरेज़ करते हैं , क्या आपने कभी सूना ,माँ वैष्णो देवी , या किसी बढे मंदिर में , गुरुद्वारे में , चर्च में , जैन मंदिर में बौद्ध अस्थाने पर , किसी नेता जी की तरफ से उनके चमचों , उनके धार्मिक सियासी ठेकेदारों ने ,गुलामों ने कोई , प्रसाद , कोई आस्था मुख़्यमंत्री , प्रधानमंत्री , मंत्री , विधायक या फिर पार्टियों के अध्यक्षों की तरफ से पेश की हो , नहीं ना ,क्योंकि , यह अपने अपने धर्म को क़रीब से जानते है , उनका सम्मान खुद यह लोग करते है इसीलिए , दूसरे सियासी ठेकेदारों की मजाल नहीं के नौकरों के हाथ , अधीनस्थों के हाथ , अपना हाथ लगाकर चादर वहां भिजवाकर पब्लिसिटी करवाएं , अख़बार में फोटो , खबरें छपवाए ,, गुनाह है , अपराध है , समाज के साथ भी , आस्थाओं के साथ भी , मज़हब के साथ भी , देश और देश की संवैधानिक आस्थाओं के साथ भी , यह अपराध है , कोई भी शख्स कितना ही बढ़ा ही क्यों ना हो , उसकी तरफ से हाथ लगाकर चादर पेश करने के लिए कोई भी आस्थाना मोहताज नहीं है , फिर क्यों यह चमचे , यह मज़हब को गुलाम बनकर सियासत के चंद तोहफों के बदले ,, बदनाम करने की साज़िशों में हमारे अपने लोग लगे है , ऐसी चादरों को , तो अस्थानों पर , पाबंद कर देना चाहिए , जिसमे सियासी बू हो , जिसमे नेता जी , तंदरुस्त हो , फ़ालतू हों , इधर उधर घूम रह हो , मौजूद हो , और बस हाथ लगाया और नौकरों ,, गुलामों के हाथ चादर रवाना , चादर पेश , फलां की तरफ से चादर पेश , अरे जब तुम हमारे अस्थानों पर दो क़दम चलकर , थोड़ा वक़्त निकालकर अगर जा भी नहीं सकते तो नहीं है हमारे अस्थानों को तुम्हारी चादरों की ज़रूरत , तुम्हारे सियासी दिखावे की ज़रूरत हमारे अस्थानों की ज़रूरत हरगिज़ नहीं है , हमारे अपने लोग , अपने सियासी नौकर ,गुलाम , वोह अपन धर्म ,, मज़हब , आस्थाओं का मज़ाक़ उढ़ा रहे हैं , फलां नेता की तरफ की चादर ,, फोटो खिंचवाया , सोशल मिडिया , ,अख़बार ,, न्यूज़ चैनल में अपना महिमामंडन करने की कोशिश करते है , ऐसे लोगों को पहचानों , उनका बहिष्कार करो , जो हमारे आस्थानों का इस तरह से , अपमान नेताओं से करवा रहे हैं , ऐवजी चादरें बिना किसी युक्ति युक्त करने के पेश कर ,बिगाड़ा कर रहे हैं , ऐसे लोगों का बहिष्कार करें , ऐसे लोगों की एन्ट्री आस्थानों में प्रतिबंधित हो जाए , ताकि देश को पता चले के धर्म की सियासत करने वाले लोगों की जगह , जैसे हिन्दू धर्म , सिक्ख धर्म , क्रिश्चियन धर्म , बौद्ध धर्म , जैन धर्म में ज़रा सी भी नहीं है , ऐसे ही , मुस्लिम आस्थाओं में भी , इन ढकोसलों की कोई जगह नहीं है , लेकिन हम बिखरे हुए , है , हम बटे हुए हैं, थोड़े से मोल में अल्लाह ने बिकने का इंकार किया , वोह थोड़ा सा मोल , कायनात बताई है , फिर भी हम कायनात तो छोडो , एक कंकर भी छोडो सिर्फ एक फोटो , एक सेल्फी , एक विज्ञप्ति के लालच में ही हमारी आस्थाओं का सौदा कर रहे हैं , फिर भी ना मदरसा बोर्ड का चेयरमेन है ना उर्दू एकेडमी का सचिव , ना ही मूल्यांकन के लिए पद्रह सूत्रीय कल्याणकारी कमेटियों सहित दूसरी सुविधाएँ केंद्र और राज्य सरकारों ने हम तक मुहैयया कराइ हैं , ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 जनवरी 2023
ख्वाजा गरीब नवाज़ , अजमेर शरीफ दरगाह हो , या फिर कोई भी अस्थाना हो ,
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