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06 दिसंबर 2022

 राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के चलते, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की कठिन डगर है

 राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के चलते, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की कठिन डगर है , यहाँ सावधानी हटी के दुर्घटना घटी , जैसा वातावरण ना बने , इसके लिए , भारत जोड़ो यात्रा के सरकारी सिस्टम और , संगठन से जुड़े लोगों को , फिर से , कार्यकर्ताओं , कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों को , भारत जोड़ो यात्रा से अलग थलग रखने ,, और कुछ व्यवस्थाओं में बदलाव को लेकर पुनर्विचार , ज़रूरी है , , राहुल गाँधी की अभी तक की पदयात्रा उन राज्यों से निकली है जहाँ ,, कांग्रेस की सरकार नहीं है , लेकिन यह पहला राज्य है , जहाँ कांग्रेस की सरकार है, कामयाब सरकार है , ,आम जनता के लिए कल्याणकारी सरकार हैं , यहां भारत जोड़ो यात्रा की हर व्यवस्था , फूंक फूंक कर क़दम उठाने वाली हैं , यहां का सियासी प्रबंधन भी अजीबो गरीब है , हाल ही में, सचिन पायलेट , अशोक गहलोत के बीच की कहानी , देश के सामने है , राहुल जी के सामने है , यूँ तो हाथ मिल गए , लेकिन दिल मिले या ना मिले यह तो भविष्य ही जाने , ऐसे में, संतुलन ,  ईमानदारी , और राहुल जी से लोगों को दूर रखने की साज़िशें रोकना होंगी , ,राजस्थान में , चाहे स्वर्ग सी व्यस्था हैं , लेकिन फिर भी , अनेक समाजों की अपनी समस्याएं है, गुर्जर समाज की अपने समस्याएं हैं , मुस्लिम समाज की पैराटीचर्स सहित , उनके धर्मस्थलों के जीर्णोद्धार के कामकाज में अड़ंगेबाजी ,  कल्याणकारी योजनाओं में , पक्षपात की ज़बरदस्त शिकायतें है , जिस  शख्स के पास , इन शिकायतों के निवारण , सरकार को रिपोर्ट सोंप कर सरकार से त्वरित इन समस्याओं के समाधान की ज़िम्मेदारी थी  उनका हश्र तो  ,, राहुल जी की डाँट डपट की खबरों के साथ सभी ने देख लिया है , लेकिन कांग्रेस संगठन की तरफ से जिस के पास चाहे कार्यकारी के नाते ही सही ,ज़िम्मेदारी है उसे , सम्मानजनक तरीके से सचिन पायलेट ने राहुल जी के सामने खड़ा कर, उनके समर्थको का दिल जीता है , उनकी वार्ता के वक़्त चाहे उन्होंने , मुस्लिम समाज ,अल्पसंख्यक समाज के पैराटीचर्स , वक़्फ़ सम्पत्तियों  ,, धर्मस्थलों की मरम्मत की बाधाओं के बारे में मौक़ा मिलने पर भी कुछ ना बताया हो , लेकिन यात्रा आगे बढ़ेगी , तो सच तो सामने आज नहीं तो कल आएगा ही सही , तो जैसे , रास्तों में सफाई हो रही है , जैसे , बाधाएं हटाई जा रही हैं , जैसे , भारत जोड़ने के प्रयास की सफलता के लिए सकारात्मक प्रयास है , ऐसे ही , समाज के लोगों के अनावश्यक रोके गए , इस तरह के काम , तुरत फुरत में यात्रा के मार्ग से जुड़े मामलों को निस्तारित कर,   सरकार की नाकायाबी के इलज़ाम के खतरों से बचा जा सकता हैं , एक तरफ तो सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों में से कुछ लोग जिनके पास , भारत जोड़ो यात्रा के वक़्त , राहुल जी के साथ , कांग्रेस कार्यर्कताओं को जोड़ने की व्यवस्थाएं है , वोह ,, हल्दी की गांठ मिलते ही पंसारी बन कर बैठने की कहावत को चरितार्थ करने के साथ साथ , अँधा बांटे रेवड़ी अपनों अपनों को दे ,, दूसरी तरफ , सचिन पायलेट , और उनके समर्थक , कांग्रेस के कई ज़िम्मेदारों को राहुल जी से दूर रखने की जगह , राहुल जी के सामने ,, अदब और इज़्ज़त के साथ पेश कर उनका परिचय करा रहे हैं , इधर , कई लोग , पास व्यवस्था , प्रशासन की धक्का मुक्की , सुरक्षात्मक रस्सों के आसपास खड़े रहकर , अपनी अंगुलियां छिलवा चुके हैं , राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में , सरकारी कर्मचारी , अधिकारी , पुलिस कर्मी , और विधायक , पूर्व विधायक ,बोर्ड चेयरमेन , वगेरा वगेरा के इर्द गिर्द से बाहर नहीं निकल प् रहे हैं , ,ऐसे में , बगावत , गुस्सा बढ़ रहा है , तीसरी तरफ ,राहुल जी के  मार्ग में बच्चों , ग्रामीणों की अपनी समस्याएं हैं ,  झालावाड़ में तो अभी तक दो साल पहले की फसल खराबा का मुआवज़ा तक नहीं दिया गया है , ,ऐसी कई शिकायतें हैं , लेकिन राहुल जी के सामने कृत्रिम , ज़रूरतमंद लोगों को अगर रखा भी जाएगा तो वोह इसे खूब अच्छी तरह से पहचान लेंगे , कई  लोगों की समस्याएं उपेक्षाएँ , राहुल जी के सामने आ सकती हैं , , अभी  झालावाड़ में एक ज़रूरतमद के घर पर राहुल जी ने चाय पी ,बिजली की शिकायत आई और , एक घंटे में उसका घर बिजली की रौशनी से चमचमा गया , बच्चों ने स्कूल में क्रिकेट मैदान की बात की , इस  मामले में प्रबंधन व्यवस्थाएं चल रही हैं , ऐसे ही राहुल जी राजस्थान के हर ज़िले में जहाँ से भारत जोड़ो यात्रा के दौरान निकलेंगे , हर तरफ से , अगर प्रशिक्षित पूर्व में तय किये गये , मिलाने वाले  लोगों के अलावा राहुल जी , नए ओरिजनल खबरियों के पास पहुंच गए , और उन्होंने , राहुलजी तक वोह सच पहुंचा दिया , जो अभी तक ज़रूरतों के होने के बावजूद भी पुरे नहीं किये जा रहे हैं , तो सरकार के तो कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ेगा , लेकिन अखबारी खबरों से , वातावरण तो हमारे मुखालिफ ही बनेगा , अगर सब कुछ हमारी मुट्ठी में है , फिर भी हम हमारे जो पात्र लोग है  उन्हें जानबूझकर,  हल्दी की गांठ हाथ में लगने पर पंसारी बनकर,  उन्हें राहुल जी से अलग थलग रखने की साज़िशों में जुटे हैं , तो वोह तो अलग रह ,जाएंगे  , कुछ लोग , सचिन जी के रास्ते से , घुस जाएंगे, लेकिन भविष्य में  कांग्रेस के लिए यह वाद विवाद की वजह बन सकता है , इसलिए , अधिकतम लोग, राहुल जी के इर्द गिर्द पहुंचे , इसमें कंजूसी नहीं , दिल फरियादी होना चाहिए,  राहुल जी भी जो इतनी बढ़ी यात्रा भारत जोड़ने के संकल्प के साथ आ रहे हैं , वोह  ,, उनकी टीम ,और उनकी यात्रा के पूर्व ही जो उनकी मुखबीर टीम इधर उधर , सड़कों ,पर  चाय की गुमटियों पर, पान की गुमटियों पर , खड़े होकर,  सत्तापक्ष की पार्टी , सत्तापक्ष के ज़िम्मेदारों की कारगुज़ारियों के बारे में सर्वे कर रहे हैं , रिपोर्टें दे रहे हैं , वोह ऐसे हालातों में,  बाद में नुकसानदायक हो सकती है , इसलिए अहंकार छोड़िये , ,अधिकारीयों , के कहने में आना छोड़िये , विधायक , चमचों , से बाहर निकल कर,  सभी को , ज़िम्मेदारी से  खुद बुलाकर  मौक़ा दीजिये , यात्रा सुखद रूप से अगर सफलतापूर्वक निकली , तो राजस्थान में इतिहास बनेगा , राजस्थान  के इतिहास में, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इतिहास में,  राहुल गांधी का नाम , कामयाबी से जुड़ा है , राहुल गांधी सियासत में आये , राजस्थान में अशोक गहलोत के कार्यक्रम के बाद,  उपाध्यक्ष बने , राहुल गाँधी के आतिथ्य में, सम्मेलन के बाद,  राष्टीर्य अध्यक्ष बने , अशोक गहलोत के आतिथ्ये के कार्यक्रम के बाद,  राहुल गाँधी की कांग्रेस को मज़बूत करने की कार्ययोजनाएं उदयपुर संकल्प है ,, सभी तो राजस्थान में अशोक गहलोत के आतिथ्य में मुमकिन हुई है, अब राजस्थान में चेहरा भी बदला है ,प्रभार के नाम पर अजय माकन के इस्तीफे के बाद, भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान कार्यकाल में ही , राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह , को बनाकर, कांग्रेस हाईकमान ने, एक बढ़ी घोषणा की है ,जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , कोटा के शांति कुमार धारीवाल , उनके समर्थक हर हाल  में, सोनिया जी का जन्म दिन कोटा में ही बनाने की कोशिशों में जुटे हैं , इस मौके पर एक तरफ स्वर्गीय राजीव गांधी की ऐतिहासिक कम्प्यूटर क्रांति की मूर्ति की कायाकल्प कार्यक्रम है , तो दूसरी तरफ , आइरन लेडी , स्वर्गीय  इंदिरा गांधी देश के लिए प्राण गंवा देने वाली , पूर्व प्रधानमंत्री की मूर्ति के गुमानपुरा कोटड़ी , छावनी रोड तिराहे पर, लोकार्पण की कोशिशें है,,  तो सरकार को , सत्ता पक्ष में बैठे  लोगों को , अपने आचरण में  बदलाव करना होगा , रुके हुए फैसलों को , जल्दी निस्तारित करना होगा, , वर्ग विशेष , समाज जो कांग्रेस के ओरिजनल सो फीसदी एसेट है, उनकी समस्याओं को अनावश्यक उलझाकर रखने वाले अधिकारीयों ,विधायकों , मंत्रियों , जो भी हों , उन्हें नो दो ग्यारह करना ही होगा,  समस्याओं का समाधान करना ही होगा,  क्योंकि, भारत जोड़ो यात्रा , राजस्थान में , अपनी कामयाबी को लेकर , एक इतिहास बनाये, क़दम क़दम पर समस्याओं के समाधान के प्रयास हों , और कोंग्रेस एक जुट  होकर,फिर से संगठन की मज़बूती के साथ , अधिकारीयों की गुलामी से आज़ाद होकर,  भाई साहबों की गुलामी से आज़ाद  होकर,संगठन खुद ,, मज़बूत बनकर उभरे,  संगठन के नेतृत्व में , राजस्थान के चुनाव  हों और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कल्याणकरी योजनाओं ,  केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल के विकास ,सौंदर्यकृत कार्यों,  ऊर्जावान सचिन पायलेट के युवा उत्साह के साथ  ,कांग्रेस फिर से राजस्थान ,में  सत्ता में आये , यही सभी की कोशिश होना चाहिए , , कांग्रेस ज़िंदाबाद हो, राहुल गांधी ज़िंदाबाद हों , सोनिया गांधी ज़िंदाबाद हों , यही सभी की संयुक्त कोशिशेँ होना चाहिए ,वरना  चमचों और अधिकारीयों , मुखबिरों , आल इज़ वेळ का झूंठ कहने वालों , मौक़ापरस्तों , जो सक्रिय लोग हैं , उनके खिलाफ , अपने कच्चे  कानों के नेताओं से ,,, अरे क्या फ़र्क़ पढ़ता है , एक दो लोग है , इनके साथ एक आदमी तो है नहीं , इसे बकवास करने दो , कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ता हम तो हज़ारों से जीत रहे हैं, कहने वालों के बल पर हम दो चुनाव बुरी से भी बहुत बुरी तरह से हार चुके हैं , फिर आप समझदार है, अब आपको फिर मारुती एट हंड्रेड में आने वाले विधायक लाना है , या फिर दो सो में से, एक सो अस्सी विधायक जीता कर लाना है, आपके हाथों में है , मारुती एट हंड्रेड  लायक हो जाने के  बाद फिर मत कहना के पहले एक सो अस्सी सीटें लाने के फार्मूले बताकर चेताया क्यों नहीं था , ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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