आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 जुलाई 2022

भ्रांतियों दूर हो,इसलिये पुत्र ने अपने सामने देखी नेत्रदान की प्रक्रिया

 भ्रांतियों दूर हो,इसलिये पुत्र ने अपने सामने देखी नेत्रदान की प्रक्रिया

2. अकलेरा के ज्योति मित्र की समझाइश पर कोटा में हुआ नेत्रदान
3. अकलेरा ले जाने से पहले,कोटा में संपन्न कराये नेत्रदान

आज सुबह मनोहर थाना,अकलेरा निवासी सुरेश चंद जैन (75 वर्ष) का तलवंडी, कोटा के निजी अस्पताल में आकस्मिक निधन हो गया, उनके निधन की सूचना अकलेरा शहर में सभी सामाजिक संस्थाओं और व्यापार मंडल व्हाट्सएप ग्रुप में भी पहुंची,इस सूचना को देखकर शाइन इंडिया फाउंडेशन की अकलेरा शाखा के ज्योति मित्र मंगलेश जैन ने सुरेश जी के बेटे यशवंत को पिताजी के नेत्रदान करवाने के लिए अनुरोध किया ।

नेत्रदान की बात सुनते से ही यशवंत तैयार तो हो गया, परंतु सब रिश्तेदारों का कहना था कि,नेत्रदान की प्रक्रिया अकलेरा में ही हो, तो सभी को अंतिम दर्शन करने में भी आसानी रहेगी,सभी को यह भ्रांति थी कि,नेत्रदान के बाद यदि चेहरा बिगड़ जाएगा, तो अंतिम दर्शन अच्छे से नहीं हो पाएंगे,उनकी भ्रांति को दूर करने के लिए मंगलेश ने तुरंत ही शाइन इंडिया फाउंडेशन की कोटा शाखा के डॉ कुलवंत गौड़ को संपर्क किया । 

जिसके बाद 10 मिनट में ही डॉ गौड़ शोकाकुल परिवार के पास पहुंच गए,और नेत्रदान के बारे में उनकी पूरी समझाइश की गयी, उनको समझाया गया कि,नेत्रदान में किसी भी तरह का से चेहरा विकृत नहीं होता है, नेत्रदान के पहले चेहरा जैसा रहता है,वैसे ही बाद में रहता है । 

सारी बात सुनने के बाद यशवंत ने अपने परिजनों को भी इस बात के लिए तैयार किया कि,नेत्रदान की प्रक्रिया कोटा में ही करा ली जाए तो ज्यादा बेहतर रहेगा । इससे सही समय पर नेत्रदान हो जाने से कॉर्निया की गुणवत्ता भी बनी रहेगी, सभी की सहमति होने पर डॉ कुलवंत गौड़ के नेतृत्व में नेत्रदान की प्रक्रिया अगले 20 मिनट में संपन्न हुई ।

यशवंत व उनके साथ के शोकाकुल परिवारों सदस्यों को भी सुरेश जी के दुनिया से चले जाने का दुख था,परंतु इस बात से मन को संतोष था की, सही समय पर उनके नैत्रदान का कार्य हो जाने से कम से कम किसी की आँख में रोशनी बन कर जीवित रह सकेंगे ।

ज्योति मित्र मंगलेश जैन ने बताया कि,शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से अकलेरा क्षेत्र में लगातार नेत्रदान जागरूकता के कार्य पिछड़े 5 वर्षों से किए जा रहे हैं, जिसके कारण अभी तक अकलेरा क्षेत्र में आठ पुण्य-आत्माओं के नेत्रदान हो चुके हैं ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...