भाई के के शर्मा पत्रकार की वाल से,
किसी भी हत्याकांडों में किसी भी सरकारों का कोई दोष नही होता, कोई भी अपराधी पुलिस या सरकारों को निमंत्रण देकर या इजाजत लेकर वारदात करने नही जाता।
हां.... वारदात के बाद आरोपी की गिरफ्तारी नही होना या विवाद जंगल की आग की तरह फैल कर सामाजिक रूप ले ले तो उसे पुलिस, प्रशासन और सरकारों की विफलता करार दिया जा सकता है।
आतंक या अपराध का कोई धर्म नही होता।
नूपुर शर्मा हो या उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी गोसी मोहम्मद जो भी अपराध करेगा उसके लिये आप से ज्यादा सक्षम, आप से ज्यादा शक्तियां प्राप्त संवैधानिक संस्थाएं हैं दंड देने के लिये। किसी को विचलित होने की क्या आवश्यकता है।
आप न्यायाधीश तो नही है,ना आप न्याय कर सकते है और ना ही अकेले पुलिस न्याय कर देगी।
न्याय प्रक्रिया पर विश्वास रखें,कानून और संविधान पर विश्वास रखें।
स्वयं न्यायाधीश ना बने।
अपराधी किसी भी धर्म का हो दंड का भागी होता है परम् सत्य है।
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