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22 अप्रैल 2021

कि उसमें मेवे और खजूर के दरख़्त हैं जिसके ख़ोशों में गि़लाफ़ होते हैं

कि उसमें मेवे और खजूर के दरख़्त हैं जिसके ख़ोशों में गि़लाफ़ होते हैं (11)
और अनाज जिसके साथ भुस होता है और ख़ुशबूदार फूल (12)
तो (ऐ गिरोह जिन व इन्स) तुम दोनों अपने परवरदिगार की कौन कौन सी नेअमतों को न मानोगे (13)
उसी ने इन्सान को ठीकरे की तरह खन खनाती हुयी मिटटी से पैदा किया (14)
और उसी ने जिन्नात को आग के शोले से पैदा किया (15)
तो (ऐ गिरोह जिन व इन्स) तुम अपने परवरदिगार की कौन कौन सी नेअमतों से मुकरोगे (16)
वही जाड़े गर्मी के दोनों मशरिको का मालिक है और दोनों मग़रिबों का (भी) मालिक है (17)
तो (ऐ जिनों) और (आदमियों) तुम अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे (18)
उसी ने दरिया बहाए जो बाहम मिल जाते हैं (19)
दो के दरम्यिान एक हद्दे फ़ासिल (आड़) है जिससे तजाउज़ नहीं कर सकते (20

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