कोटा स्मार्ट सिटी ,कोटा क्लीन सिटी ,कोटा सौंदर्यकृत सिटी ,कोटा कोचिंग
सिटी ,,कोटा हमारी सिटी , कोटा ग्रीन सीटी ,,कोटा पार्कों की सीटी , कोटा
चंबल ,किशोरसागर , अभेड़ा झील की सीटी , कोटा धार्मिक नगरी की सिटी ,
कोटा राष्ट्रिय मेला दशहरा सिटी ,, कोटा हेरिटेज सीटी ,,,इन सब अल्फ़ाज़ों को
अपने कार्यव्यवहार से सार्थक करना , वर्तमान कोरोना एडवाइज़री के चलते
मुश्किल तो है , लेकिन नामुमकिन नहीं ,इसे सार्थक करने में नगर निगम आयुक्त
वासुदेव मालावत ,स्वायत शासन के मार्गदर्शन से लगातार जुटे हुए है , और
कई मुद्दों पर कामयाब भी हुए है ,,, जी हाँ ,दोस्तों कोटा नगर निगम
क्षेत्र में वर्तमान हालातों में चुनौतियों के सिवा कुछ नहीं हैं ,,लेकिन
इन मुद्दों पर हर चुनौती को आयुक्त वासुदेव मालावत ने स्वीकार की है
,,स्वायत्तशासन मंत्रालय के मार्गनिर्देशन में ,उन्होंने कोटा नगर निगम
क्षेत्र को अव्वल बेहतर बनाने के सफलतम प्रयास शुरू कर दिए है ,,मालावत आम
जनता ,जनप्रतिनिधियों ,मंत्रियों के सुझाव ,उनका मार्गदर्शन ,उनके सहयोग से
इन सभी कार्यों को जल्दी ही पूर्ण करने का संकल्प लेकर लगातार काम में
जुटे है ,वर्तमान हालातों में कोरोना संकट के वक़्त ,नगर निगम नोडल एजेसीं
होने से इन्होने साफ सफाई, सेनेट्राइज़ेशन सिस्टम , राहतसामग्री वितरण में
सजगता ,ततपरता दिखाई है ,,, वासुदेव मलावत के लिए वर्तमान हालातों में
,बारिश, ,अंधड़ तूफान के खतरे के पूर्व , नालों की साफ सफाई ,,सड़कों की
मरम्मत , पेड़ों की डालियों की छटाई ,,खतरनाक टूट कर गिरने वाले पेड़ों को
हटाना , टीन टप्पड़ , विज्ञापन के बोर्ड वगेरा हटाने का कार्य ,स्ट्रीट
लाइट का प्रबंधन , सड़कों से पानी के बहाव का प्रबंधन , इसी माह करना एक
चुनौतीपूर्ण कार्य है ,लेकिन मालावत ने अपने अधीनस्थों को इस काम काज में
लगा दिया है , खुद लगातार मॉनिटरिंग में लगे ,है ताकि तेज़ वर्षा आंधी के
माहौल में पेड़ों के गिरने से जान माल का नुकसान बचाया जा सके ,, सड़को पर
बारिश के पानी के भराव से बस्तियों में बाढ़ के हालात न बने ,,वाटर
मैनेजमेंट का ठहराव उपयोगी हो सके ,चंबल में गिरने वाले बरसाती नालों को
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में डाइवर्ट कर ,चंबल को गंदी होने से बचाया जा सके
, सड़कों अवरुद्ध न हों ,,नाली ,पटान ,स्पीड ब्रेकर व्यवस्थित हों ,,इसके
लिए लगातार युद्ध स्तर पर कार्य जारी है , वासुदेव मालावत कोरोना संकट में
,अलग अलग ज़िम्मेदारियों के साथ , साफ सफाई नियंत्रण ,राहत सामग्री नोडल
एजेंसी वितरक होने से ,,दूसरे काम काज के साथ इन दो कामों में फोकस रहे
,उन्होंने अपने अधीनस्थों से सभी वार्डों , गलियों ,नालियों की सफाई ,कचरा
संग्रहण का कार्य मुस्तैदी से करवाया , जबकि राहत सामग्री वितरण में बिना
पक्षपात के ज़िम्मेदारी से ग्राउंड लेवल तक ,, सामग्री का वितरण करवाने में
सफलता हांसिल की ,, वासुदेव मालावत ,विभिन प्रशासनिक पदों पर रहकर , जे डी ऐ
जोधपुर के अनुभवी होने से ,,कोटा नगर निगम आयुक्त का काम काज सफलता पूर्ण
करने में कामयाब हो सके हैं ,,, मालावत के लिए कोटा नगर निगम के वार्डों का
पुनर्सीमांकन ,, नए वार्डों का गठन ,फिर दो नगर निगम कोटा उत्तर ,कोटा
दक्षिण का सीमांकन ,इनके वार्डों का व्यवस्थित सीमांकन चुनौतीपूर्ण कार्य
,था लेकिन इस चुनौती को ,मालावत ने स्वायत्तशासन मंत्रालय के
मार्गनिर्देशन , जनप्रतिनिधियो , आम जनता को सहभागीदार बनाकर ,उन्हें
विश्वास में लेकर ,सफलता पूर्वक कर दिखाया है ,,, मलावत की प्राथमिकताओं
में कोटा स्मार्ट सिटी ,कोटा क्लीन ,सिटी कोटा ग्रीन सिटी ,कोटा व्यवस्थित
सिटी ,कोटा समस्या मुक्त सीटी की कार्ययोजना प्रमुख ,है ,इसके लिए वोह रोज़
मशक़्क़त करते है ,, छोटे से छोटे सुझाव ,शिकवे ,शिकायत पर भी चिंतन , मंथन
करते है ,,, और फिर नए ,सुझाव नई कार्यप्रणाली ,नए जज़्बे के साथ , मैदान
में होते है ,,मालावत की अधीनस्थों के साथ प्रशासनिक प्रणाली ,सद्विश्वास
की ,है अधीनस्थों से नरम रुख के साथ काम करवाना , इनकी कामयाबी ,हैं जबकि
लापरवाह कर्मचारियों को सख्ती दिखाना इनकी ज़िम्मेदारी है ,, नगर निगम क्लीन
सीटी के सपने को साकार करने के लिए यह खुद , कोटा की सफाई व्यवस्था का
जायज़ा लेने के लिए ,,सफाई कर्मियों की ज़िम्मेदारियाँ देखने के लिए ,कचरा
उठाने वाली डिपर गाडी में बैठकर निकल पढ़ते है ,एक आम व्यक्ति की तरह सफाई
कर्मियों से उनकी लापरवाही , लेटलतीफी के बारे में सवाल कर , उनकी
ज़िम्मेदारी के जज़्बे को जानते है फिर उन्हें सबक़ सिखाते है ,इसके पहले नगर
निगम प्रशासक करण सींह राठोड ने औचक निरीक्षण का यह फार्मूला अपनाया था
,,17 अक्टूबर 1967 को , मूल रूप से सीकर के एक ग्रामीण परिपेक्ष में पले
,बढ़े ,वासुदेव मालावत का अफसर बनने का सपना था ,, उन्होंने सपना देखा
,पढ़ाई की ,,मेहनत और लगन से 1997 में यह रुतबा हांसिल कर अपने सपने को
साकार किया ,अपने गांव ,अपने ग्रह ज़िले सीकर का नाम रोशन किया ,, लेकिन
रुतबा , रूतबा दिखाने के लिए नहीं ,सिर्फ ईमानदारी , मेहनत और लगन से जनता
की सेवा कार्यों में प्रशासन और सरकार के बीच का सफल सेतु बनकर , उन्होंने
खुद को साबित किया है ,,आम जनता की हर समस्या की तत्काल सुनवाई ,उसका
निराकरण ,, सरकार के हर विधि नियम की सख्ती से क्रियान्वित ,व्यवस्थाओं
में प्रशासनिक सरलीकरण इनकी पहचान है ,, जयपुर हरीशचन्द्र माथुर प्रशिक्षण
केंद्र से प्रशासनिक प्रशिक्षण लेकर ,, वासुदेव मालवात , उदयपुर ,,टोंक,,
सिरोही , पाली , बांसवाड़ा , जैसलमेर ,जोधपुर ,दोसा , सिरोही ,श्री गंगानगर
, बारां ,,कोटा के प्रमुख प्रशासनिक पदों पर रहे ,,लेकिन नगर निगम
आयुक्त पद पर ,इनका कोटा में अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन ,,जोधपुर
विकास प्राधिकरण में उपायुक्त पद के अनुभवों का काफी लाभ मिल रहा हैं ,,
वासुदेव मालावत ,,वसुदेव कुटुम्कम यानि परिवार को साथ लेकर ,चलो और परिवार
एक प्रशासनिक अधिकारी के लिए ,,उसका नोडल मंत्रालय ,उसके क्षेत्र की जनता
,उसके अधीनस्थ कर्मचारी ,जन प्रतिनिधि होते ,है जिनके परामर्श ,सद्भाव से
ही सभी काम सफलता पूर्वक हो सकते है, यह फार्मूला ,वासुदेव मालावत ,यथार्थ
में अपने समन्वय , अपने प्रशासनिक कार्यों से ,सच साबित कर दिखा रहे ,,
,हैं , अल्लाह , ईश्वर ,वासुदेव मालावत को ,वासुदेव कुटुम्कम , फार्मूले
की कामयाबी के साथ कोटा को , क्लीन सीटी ,,कोटा को ग्रीन सीटी ,कोटा को
स्मार्ट सीटी ,सहित व्यवस्थित ,खुशहाल सीटी ,,खूबसूरत सीटी , बनाने में
कामयाब करे ,,मालावत के कोटा शहर को विकसित ,व्यस्थित करने के विनम्र जज़्बे
को सलाम ,सेल्यूट ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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