*#कोरोना
के खिलाफ चल रही जंग में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के एक पूर्व
छात्र ने सस्ती रैपिड टेस्टिंग किट का निर्माण किया है,* जो सिर्फ 15 मिनट
से भी कम समय में जांच का सही नतीजा बता देती है। कीमत भी मात्र 500-600
रुपये है। सबसे बड़ी बात कि पूर्व छात्र की इस किट को आईसीएमआर (ICMR) ने
भी अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। गौरतलब हो कि वर्तमान में अन्य लैब में
जांच कराने में 4500 रुपये तक का खर्च आता है और समय भी ज्यादा लगता है।
एएमयू के बायोकेमिस्ट्री विभाग के पूर्व छात्र नदीम रहमान (निदेशक, न्यू लाइफ कंसलटेंट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली) ने देश की पहली एंटीबॉडी पर आधारित रैपिड टेस्टिंग किट तैयार की है, जिसकी कीमत मौजूदा समय में पांच सौ रुपये है, जबकि अन्य लैब कोविड-19 की जांच के लिए लगभग 4500 रुपये चार्ज करती हैं।
एएमयू के बायोकेमिस्ट्री विभाग के पूर्व छात्र नदीम रहमान (निदेशक, न्यू लाइफ कंसलटेंट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली) ने देश की पहली एंटीबॉडी पर आधारित रैपिड टेस्टिंग किट तैयार की है, जिसकी कीमत मौजूदा समय में पांच सौ रुपये है, जबकि अन्य लैब कोविड-19 की जांच के लिए लगभग 4500 रुपये चार्ज करती हैं।
लॉकडाउन के दौरान भारत सरकार ने रहमान को न्यू लाइफ कंसलटेंट एंड
डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड लैब खोलने की अनुमति दी थी, जहां पर
उन्होंने अपनी टीम के साथ इस टेस्टिंग किट को तैयार करने में सफलता प्राप्त
की। नदीम रहमान ने बताया कि टेस्टिंग किट को मात्र दो सप्ताह के भीतर
तैयार किया गया, जिसे इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने अपनी
स्वीकृति प्रदान की और अब जल्द ही व्यापक स्तर पर इसका उत्पादन शुरू हो
जाएगा।
नदीम रहमान ने बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि एक दिन में हम एक लाख किट तैयार कर सकेंगे ताकि व्यापक स्तर पर कोविड- 19 की जांच हो सके। रहमान ने उत्तर प्रदेश सरकार व आईसीएमआर को धन्यवाद दिया और कहा कि सरकार व आईसीएमआर ने उन पर और उनकी टीम पर विश्वास किया। यह हमारे लिये गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि अभी टेस्टिंग किट के एक सेट की लागत 500-600 रुपये आ रही है, जिसमें और कमी होने की आशा है। उन्होंने कहा कि यह टेस्टिंग किट आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट की तुलना में बहुत किफायती है। इससे देश की पैथोलॉजी सेवाओं पर दबाव भी कम होगा क्योंकि नई किट से कोविड-19 की जांच तथा पहचान करने में तेजी जाएगा।
*#हमारे लिए गौरव का विषय है : कुलपति*
एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने नदीम रहमान के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि एएमयू के एक पूर्व होनहार छात्र ने किफायती टेस्टिंग किट तैयार की, जिसकी बहुत आवश्यकता थी, क्योंकि देश में कठोर एहतियाती उपायों के बावजूद कोविड-19 के केसों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जो चिंताजनक है। फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज के डीन प्रो. कय्यूम हुसैन (जिन्होंने नदीम रहमान को पढ़ाया था) ने कहा कि भारत में एंटीबॉडी पर आधारित पहले टेस्टिंग किट का निर्माण जनस्वास्थ्य के लिये एक बहुमूल्य योगदान तथा एक बड़ी मानवीय सेवा है। कोविड-19 के खिलाफ युद्ध में एएमयू तथा उसके पूर्व छात्र अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
नदीम रहमान ने बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि एक दिन में हम एक लाख किट तैयार कर सकेंगे ताकि व्यापक स्तर पर कोविड- 19 की जांच हो सके। रहमान ने उत्तर प्रदेश सरकार व आईसीएमआर को धन्यवाद दिया और कहा कि सरकार व आईसीएमआर ने उन पर और उनकी टीम पर विश्वास किया। यह हमारे लिये गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि अभी टेस्टिंग किट के एक सेट की लागत 500-600 रुपये आ रही है, जिसमें और कमी होने की आशा है। उन्होंने कहा कि यह टेस्टिंग किट आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट की तुलना में बहुत किफायती है। इससे देश की पैथोलॉजी सेवाओं पर दबाव भी कम होगा क्योंकि नई किट से कोविड-19 की जांच तथा पहचान करने में तेजी जाएगा।
*#हमारे लिए गौरव का विषय है : कुलपति*
एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने नदीम रहमान के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि एएमयू के एक पूर्व होनहार छात्र ने किफायती टेस्टिंग किट तैयार की, जिसकी बहुत आवश्यकता थी, क्योंकि देश में कठोर एहतियाती उपायों के बावजूद कोविड-19 के केसों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जो चिंताजनक है। फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज के डीन प्रो. कय्यूम हुसैन (जिन्होंने नदीम रहमान को पढ़ाया था) ने कहा कि भारत में एंटीबॉडी पर आधारित पहले टेस्टिंग किट का निर्माण जनस्वास्थ्य के लिये एक बहुमूल्य योगदान तथा एक बड़ी मानवीय सेवा है। कोविड-19 के खिलाफ युद्ध में एएमयू तथा उसके पूर्व छात्र अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
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