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13 जून 2018

नमाज़ अदा करने पर पूरे शरीर फिट और हेल्दी

मुस्लिम प्रार्थना नमाज अदा करके करते हैं। लेकिन शायद हम में से बहुत कम लोगों को पता है कि नमाज अदा करने के पोज़िशन्स के द्वारा कई तरह से शरीर को स्वास्थ्यवर्द्धक लाभ मिलता है। चलिये अब इस बारे में बात करते हैं।
#नियत: नमाज अदा करने के पहले चरण में व्यक्ति अपने दोनों हाथों को पहले ऊंचा करके पैरों को जोड़कर खड़ा होता है और फिर अपने हाथों को छाती पर एक दूसरे के ऊपर रखता है।
#स्वास्थ्यवर्द्धक_फायदा-
इस पोज़िशन का सीधा फायदा व्यक्ति के मन और शरीर पर पड़ता है और छाती के बीचोबीच हाथ रखने के कारण वह हार्ट, लंग्स और परिसंचरण तंत्र (circulatory system) के कार्य को अपने कंट्रोल में रख पाता है। छाती पर हाथ रखने से हृदय चक्र भी प्रभावित होता है जिससे प्यार, सहानुभूति जैसे भाव का संचार होता है। एक बार हृदय चक्र के संचारित होने पर मन शांत और केंद्रित हो जाता है जिससे व्यक्ति का संबंध ब्रह्माण्डीय ऊर्जा से हो पाता है।
#रूकू (Ruku): ये नमाज अदा करने का दूसरा चरण होता है जिसमें व्यक्ति झुकता है और अपने हथेलियों को घुटनों पर रखता है।
#स्वास्थ्यवर्द्धक_फायदा-
ये पोज़िशन अर्द्ध उत्तानासना के तरह ही होता है। इससे आपके पीठ की मांसपेशियों को लचीला होने में मदद मिलती है साथ ही पेट और आंत के ऑर्गन को बेहतर तरीके से काम कर पाते है । इसके अलावा आगे की तरफ झुकने के कारण किडनी का फंक्शन अच्छा होता है और ब्रेन, आंख, मुँह, नाक और लंग्स में ब्लड का सर्कुलेशन बेहतर होता है। घुटनों पर हाथ रखने के कारण पूरे शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है।
#सजदा- इस पोज़िशन में व्यक्ति अपने दोनों पैरों को पीछे की तरफ मोड़कर बैठता है। इसी तरह वह बैठकर आगे की तरफ झुककर अपने नाक और कपाल से फर्श को छूता है और हाथों को मुँह के दोनों तरफ रखता है।
#स्वास्थ्यवर्द्धक_फायदा-
ये पोज़िशन कुछ हद तक वज्रासन के तरह ही है। इससे आपका डाइजेस्टिव ट्रैक्ट बेहतर तरीके से काम कर पाता है और हजम शक्ति बढ़ती है। सबसे रोचक की बात ये है कि इस पोज़िशन में आपकी एड़ियाँ कंध अंग को स्पर्श करती है जो मलद्वार के 12 इंच ऊपर को छूता है जिससे 72,000 नर्वस को मसाज़ मिलती है और इससे शरीर के पूरे निचले अंग को मालिश मिल जाती है। इसके साथ घुटनों के बल झुकने पर उसके कार्टिलेज लचीले हो जाते हैं।
साथ ही कपाल और नाक से फर्श को स्पर्श करने पर चुंबकीय ऊर्जा का संचरण होता है और चक्र बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं।
#अंतिम_चरण: एक बार नमाज़ अदा करने की प्रक्रिया खत्म होने को आती है तो अंत में व्यक्ति दाहिने और बांये सिर को घुमाता है।
#स्वास्थ्यवर्द्धक_फायदा-
इस तरह सिर को घुमाने पर गर्दन और कंधों के मांसपेशियों को तनावमुक्त होने में मदद मिलती है।
अंततः दिन में 5 बार नमाज़ अदा करने पर पूरे शरीर को फिट और हेल्दी रखने में बहुत मिलती है। इसके अलावा शरीर को पूरी तरह से एनर्जी मिलती हैं और मन की एकाग्रता बढ़ती है।
फिटनेस एक्सपर्ट : मोइनुद्दीन

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