राजस्थान की बूंदी पुलिस जहां पहले पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने दंगाईयो को
ठोक बजाकर जेल में डाल दिया और उनकी गैरवाजिब बात के आगे नहीं झुके
,,दूसरे पुलिस अधीक्षक ,,दंगाइयों के आगे झुके और एक बेगुनाह को जेल भेज
दिया ,,फ़र्क़ इतना रहा ,,दंगाइयों के खिलाफ रहकर इन्साफ की जंग लड़ने वाले
पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी को बदले की भावना से प्रताड़ित किया गया ,,उनके
खिलाफ चार्जशीट फिर उन्हें वेतनवृद्धि रोकने की सज़ा दी गयी ,,वोह बात अलग
है वोह इन्साफ के जुझारू संघर्ष शील व्यक्तित्व के धनी होने से इस लड़ाई को
सुप्रीमकोर्ट तक ले जाएंगे जहाँ से उन्हें इन्साफ ज़रूर मिलेगा ,,पंकज
चौधरी ने बूंदी के नेनवा से दंगा होने से रोका था ,,लेकिन वर्तमान पुलिस
अधीक्षक सच ,जानकर ,सच पहचानकर ,,,,कथित बनाये गए आरोपी हाजी के खिलाफ
साज़िश जानकर भी दंगाइयों से घबरा गए और उन्हें छोड़ने के बाद तुरत फुरत में
,,एक बुज़ुर्ग को पोस्को जैसे गंभीर आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया ,,अफ़सोस
पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट की विशेषज्ञ राय भी नहीं ली ,,बस सबूत एकत्रित
किये ,,बयान लिए ,,छद्म गवाह हुए और दंगाइयों के दबाव में इस बेगुनाह को
जेल भेज दिया ,,,मेने पुलिस महानिरिक्षक कोटा रेंज ,, वरिष्ठ पुलिस
अधिकारियो ,,मुख्यमंत्री कार्यालय में वाइरल विडिओ की एक्सपर्ट से जांच
कराने की गुहार भी लगाई ,,लेकिन तब तक गिरफ्तारी हो चुकी थी ,,बुज़ुर्ग
बेगुनाह को जेल भेज दिया गया था ,,,बुज़ुर्ग के परिजनों के घर पर जानलेवा
हमले की साज़िश थी ,फिर वरिष्ठ अधिकारियो को सुचना दी ,,सुरक्षा तो हुई
,,लेकिन दंगाइयों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई ,,हर शख्स अपनी कुर्सी
बचाना चाहता था ,,,पुलिस अधीक्षक रहे पंकज चोधरी की सख्त कार्यवाही के बाद
उनके साथ हुए सरकारी हमले से पुलिस अधिकारी डरे हुए थे ,,वोह दंगाइयों
दंगाइयों से डिक्टेट हुए ,,परिजन चीखते रहे ,,चिल्लाते रहे ,,एक हाजी ,,एक
नमाज़ी बुज़ुर्ग रोता रहा ,,बिलखता रहा ,,लेकिन एक काला दाग ,,उसकी ज़िंदगी
में लगा दिया गया ,,,पुलिस अधीक्षक से लेकर ,,पुलिस महानिरिक्षक सहित
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियो को विडिओ हर पहलु से दिखाई गयी ,,गिरफ्तार बेगुनाह
बुज़ुर्ग के पुत्र शराफत अली ,,कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग में मेरे अधीनस्थ
पदाधिकारी है इसलिए लगातार वरिष्ठ अधिकारियो से सम्पर्क में थे ,,खुद
परिजनों ने इंटरनेट इन्वेस्टिगेशन किया ,,दो अलग अलग जगह इस विडिओ के नाम
पर पकड़े गए लोगो की जानकारी एकत्रित की ,,एक एफ आई खुर्जा की जिसमे
बुज़ुर्ग पहले ही गिरफ्तार हो चुके है ,,उपलब्ध कराई ,,हाईकोर्ट में इस
मामले में कार्यवाही की कोशिशे तेज़ करते हुए सूक्ष्म साक्ष्य एकत्रित की
जाने लगी ,लेकिन खुदा का शुक्र हुआ ,,के बूंदी पुलिस अधिकारियो का ज़मीर
जागा ,,बूंदी पुलिस ,,दंगाइयों के दबाव ,,उनके खौफ से मुक्त हुई और
निष्पक्ष कार्यवाही के लिए बहुमुखी जांच के लिए प्रयासरत हुई ,,,,कोटा
पुलिस महानिरीक्षक विशाल बंसल ,,बूंदी पुलिस अधीक्षक ,,मुख्यमंत्री
कार्यालय में बैठे अधिकारी इस पर पूर्व शिकायत पर गंभीर हुए ,,सबूत की जांच
हुई ,,और फिर एक्सपर्ट ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया ,,एक बुज़ुर्ग
जिसे सिर्फ भीड़ के डर से ,,फ़र्ज़ी मुक़दमे में ,,समानता के आधार पर
,,ागिरफ्तार कर जेल डाल दिया गया ,,उस मामले में तो पहले से ही खुर्जा में
एक बुज़ुर्ग गिरफ्तार है ,,चालान पेश हो गया है ,,मुक़दमा चल रहा है ,,तब
बूंदी पुलिस की आँखे खुली ,,बूंदी पुलिस ने भीड़ के दबाव से मुक्त होने पर
,सच्चाई जानी ,,और क़ुबूल भी की ,,लेकिन अब इस बुज़ुर्ग की रिहाई क़ानूनी
पेचीदगियों में उलझी है ,,ज़मानत होगी ,,पुलिस अपनी गलती क़ुबूलेगी ,,या
हठधर्मिता पर अड़ेगी ,,,एफ आर लगाकर बुज़ुर्ग को रिहा करने की खुद पुलिस
दरख्वास्त देकर प्रायश्चित करेगी ,,समझ नहीं आता क्या होगा ,,लेकिन सच
सामने आने के बाद भी एक बेगुनाह जेल में हो और दंगे का खौफ बताकर भीड़ को
हमलावर बनाने वाले लोग जेल के बाहर हो ,अफ़सोस होता है ,,,ऐसे में पंकज
चौधरी जैसे पुलिस अधिकारी नेताओ ,,दंगाईयो ,,दंगा समर्थको की निगाह में
चाहे उनकी आँख की किरकिरी हो ,,लेकिन आम जनता के लिए तो ऐसे अधिकारी हीरो
,,सिर्फ हीरो ही रहते है ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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