आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

23 अप्रैल 2017

हर रोज़

मेरा इक़रार
तुम्हारा इंकार
हर रोज़
रिश्ता तोड़ देता है ,,
अब मत आना
आओ अगर
तो इंकार नहीं
सिर्फ इक़रार ही
लेकर आना ,,अख्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...