दोस्तों अंग्रेजों से आज़ाद भारत,,,, जो आज़ादी के जश्न में दीवाना था
,,चारों तरफ खुशियां थी ,,लेकिन एक हिस्सा ,,,आज ही के दिन ,,राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी की हत्या के लिए ,,,आतंकवादी षड्यन्त्र रच रहा था ,,अजीब बात
थी ,,एक महात्मा ,,एक निहत्था ,,लाठी लँगोटी वाले ,,,,देश की आज़ादी के,,,,
इस सिपाही को ,,,कुछ लोग ,,,सिर्फ इसलिए मारना चाहते थे ,,,,क्योंकि
आज़ादी के आंदोलन में ,,,उनका कोई योगदान नहीं था ,,गांधी देश को एक जुट
,,निर्गुट कर ,,,आगे बढ़ाना चाहते थे ,,,बस इसीलिए ,,,आज ही के दिन,, एक
षड्यन्त्र हुआ ,,,और दूसरे ,दिन ,,,यानी तीस जनवरी को,,, एक निहत्थे
,,,महात्मा गांधी पर ,,नाथूराम गोडसे ,,,,नाम के आज़ाद भारत के पहले
आतंकवादी ने,,, गोली मारी और उनकी हत्या कर दी गयी ,,हे राम ,,बस,, हे राम
कहा और गाँधी का किस्सा तमाम हो गया ,,लेकिन ऐसे आतताइयों ,,ऐसे देश के
सुकून के दुश्मनो के लिए ,,,बुरी खबर है ,,के गाँधी मरे नहीं ,आज भी लोगो
के दिलों में,,, गांधी ज़िंदा है ,,इसी तरह,,, कोटा ज़िले की सांगोद
नगरपालिका क्षेत्र के,,,,, चौराहे पर ,आज ही के दिन ,,,,जब गांधीवादी लोग
,,पुण्यतिथि पर माल्यार्पण कर ,,,उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने
पहुंचे,,, तो ,,महात्मा गाँधी की मूर्ति चौराहे से गायब थी ,,,एक ठेले
पर,,, मूर्ति को रखकर ,,हथोड़े से तोड़कर,,, ले जायी जा रही थी ,,मुद्दा
गम्भीर था ,,इस मुद्दे को किसी ने नहीं उठाया ,,गान्धीवादी नाम के
,,गाँधीवादी बने रहे ,,लेकिन पूर्व मंत्री ,भरत सिंह ने इसे गम्भीरता से
लिया ,,तत्काल ,,,कोटा कलेक्टर को ज्ञापन दिया ,,चेतावनी दी ,कहा के बात
गाँधी की मूर्ति के खण्डन की नहीं ,,बात देश के स्वाभिमान की है ,,ऐसे लोगो
को दण्डीत करना चाहिए ,,नामजद ,,,सांगोद नगरपलिका के चेरयमैन के खिलाफ
कार्यवाही की मांग की ,,पुलिस में रिपोर्ट दी ,एस पी ,,कलेक्टर ,,सम्भागीय
आयुक्त ,,पुलिस महानिरीक्षक ,,मुख्यमंत्री ,,मुख्यसचिव ,,नेता प्रतिपक्ष
रामेश्वर डूडी , ,,अशोक गहलोत ,,सचिन पायलेट,, गुरुदास कामत ,,मिर्ज़ा
इरशादबेग ,,सभी को ,,इसकी सुचना दी गयी ,,लेकिन अफ़सोस ,,,एक पूर्व मंत्री
भरत सिंह द्वारा उठाये गए ,,,इस गम्भीर मुद्दे पर ,,,,ऐसा मुद्दा,,, जो
कोंग्रेस की आत्मा है ,,उस मुद्दे पर ,,न कोंग्रेसियों ने हंगामा किया ,,न
प्रतिपक्ष नेता रामेश्वर डूडी ने,,, इस मुद्दे को विधानसभा का मुद्दा बनाया
,,,बस अकेले भरत सिंह ,,पूर्वमंत्री शान्ती धारीवाल और हाडौती की कोंग्रेस
की टीम को लेकर ,,कभी कलेक्ट्रेट कोटा ,,कभी सांगोद विधानसभा क्षेत्र,, तो
कभी कोटा के नेहरू उद्यान पर ,,,आवाज़ बुलन्द करते रहे ,,अब कल,,,, शहीद
दिवस तीस जनवरी को यह धरना ,,,अंटाघर चौराहा ,स्टेडियम के पास ,,,शहीद
स्मारक पर,,, भरत सिंह ने ,,,फिर धरने का आयोजन किया है ,, इस मामले में
कलेक्टर ने जांच करवाई ,,अतिरिक्त कलेक्टर ने साफ़ माना,,,, के मूर्ति हटाने
का तरीक़ा गलत था ,,मूर्ति विधिविधान के विपरीत,,,, हटाई है ,,इस मामले
में ,,सांगोद नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी और कनिष्ठ अभियन्ता को दोषी
माना गया ,,वैसे भी नगरपालिका क़ानून की धारा 245 के तहत कोई भी मूर्ति
हटाने या लगाने को लेकर ,,,,कठोर नियम बने है और उल्न्न्घन पर सज़ा का
प्रावधान है ,,ऐसे में ,,,नगरपालिका चेयरमेन संस्था के मुख्या होने के नाते
ज़िम्मेदार है ,,लेकिन उनके खिलाफ ,,,कोई कार्यवाही ,,,पूर्वमंत्री की
हैसियत रखने वाले नेता ,,प्रतिपक्ष कोंग्रेस के नेता और पूरी कोंग्रेस
,,,कोई कार्यवाही नहीं करवा सकी है ,,,अब देखते है तीस जनवरी के इस विशाल
धरने के बाद,,, क्या नतीजे सामने आते है , श्रीपुरा पुराना मोटरस्टेण्ड
स्थित ,कोटा गांधीआश्रम ,,,,जो अब विकास भवन कर दिया गया ,,इसके नाम बदलने
पर ,,,कोंग्रेसियो की चुप्पी संदिग्ध रही ,,मेने ,,कोटा नगरनिगम को कई
पत्र लिखे ,,,खुद गाँधीवादी मुख्यमंत्री को कई पत्र ,लिखे,, विकास भवन का
नाम फिर से गाँधी भवन रखने की मांग की ,,इस भवन में गांधी की हत्या के
बाद,,, उनकी अस्थियां लोगो के अंतिम दर्शन के लिए ,,,रखी गयी थी,, इसीलिए
इस भवन को ,,,गांधी आश्रम नाम दिया था ,,लेकिन बाद में कोंग्रेस की कमज़ोरी
की वजह से ,,,गांधी का नाम हटाकर,,, इस भवन का नाम विकास भवन कर दिया गया
,,मेरे पत्र को,,, नगरनिगम की बैठक में रखा गया ,,,लेकिन अफ़सोस कोंग्रेस के
पार्षदों ने ,,,इस मांग का समर्थन नहीं किया और नतीजा ,,गान्धी आश्रम फिर
से ,,,विकासभवन ही बना रहा ,गांधीवादी मुख्यमंत्री अशोकगहलोत ने भी ,,,,इस
मामले में गम्भीर कार्यवाही नहीं की ,,,,सरकार में गांधी का अब ,,वोह
सम्मान नहीं रहा ,,बस गांधी के नाम पर,, विचारमंच ,विचारधाराएं ,गोष्ठिया
करवाकर वाहवाही तो लूटी जाती है ,,,लेकिन इनके अस्तित्व की रक्षा के लिए
,,,कोई आगे नहीं आता है ,,,हमारे राजस्थान में केबिनेट ,,स्टेट ,,उपमंत्री
नियम बने हुए है ,,उसमे स्पष्ट है ,,के किसी भी मंत्री ,,उप मंत्री को
सार्वजनिक निर्माणविभाग से फर्नीचर वगेरा के अलावा,,,, गांधी की दो बढ़ी
तस्वीरे दी जाएंगी ,,जिनमे से एक तस्वीर,,, मंत्री के सचिवालय कार्यालय में
,,,दूसरी तस्वीर मंत्री के निवास कार्यालय में ,,,आवश्यक रूप से लगाई
जायेगी ,,ऐसे में अधिकारियो के निवास और कार्यालय पर तो गान्धी की फोटो
लगना अनिवार्य है ,,लेकिन जनाब अब हर कार्यालय ,,हर दफ्तर का ज़रा निरीक्षण
तो कर ले ,,,महात्मा गाँधी कहा ,,है अरे जहां महात्मा गांधी की अस्थियां
रखी गयी ,,,उस गाँधी आश्रम को,,, विकास भवन में बदल दिया और तुम चुप रहे
,,अरे सांगोद की मूर्ति ,,,शहीद करने के मामले में पार्टी का एक ईमानदार
मंत्री ,,,एक साल से आंदोलन कर रहा है ,विधानसभा में उठाने के लिए ,,,ज़िला
अध्यक्ष को प्रतिपक्ष नेता के पास सभी दस्तावेजो के साथ भेज रहा है ,,लेकिन
नेता प्रतिपक्ष ,,,जो गाँधीवादी होने की बात करते है ,,वोह गान्धी के
अस्तित्व के संरक्षण के लिए ,,कोंग्रेस की रूह ,, कोंग्रेस की आत्मा के
संरक्षण के लिए विधानसभा में एक सवाल नहीं उठा सकते ,, प्रदेश स्तर पर
गांधीवादी विचारधारा मंच ,,,,विचारधारामंच ,,न जानते कितने ट्रस्ट कितने
गाँधीवादी बने है लेकिन प्रदेश स्तर पर कोई प्रदर्शन कोई धरना नहीं संगठन
की तरफ से पूर्वमुख्यमंत्री की तरफ से इस गम्भीर मुद्दे पर राज्यपाल या फिर
मुख्यसचिव को कोई ज्ञापन नहीं ,,,कोई पत्रव्यवहार नहीं ,,,मुझे अफ़सोस है
,,,,जब हम कोंग्रेस की रूह और कोंग्रेस की आत्मा बने ,,महात्मागांधी के
अस्तित्व के संरक्षण के लिए ,,,एक जुट होकर नहीं लड़ सकते ,,,तो फिर कब
लड़ेंगे ,,,,,,,एक अकेला मंत्री भरत सिंह हाडौती में गाँधी के अस्तित्व के
लिए कब तक ,,,आखिर कब तक,,, संघर्ष करता रहेगा,,, पुरे एक साल के इस संघर्ष
में,, भरतसिंह ने आधा दर्जन धरने ,,,प्रदर्शन कर ,,खुद को गाँधीवादी
,,गांधीसमर्थक साबित कर दिखाया है ,,और भरतसिंह के साथ ,,शान्तिधारीवाल भी
इस कार्य्रकम में कन्धे से कन्धा मिलाकर साथ रहे है ,,पंकज मेहता भी साथ है
,,,,,,राजस्थान का अल्पसंख्यक विभाग ,,गांधी के अस्तित्व की रक्षा की इस
जंग में भरत सिंह के साथ है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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