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02 दिसंबर 2016

सेना को डिस्टर्ब करना ,,सेना का मनोबल कमज़ोर करने जैसा है

राजस्थान के मास्टरों के बारे में तो सभी को पता है ,,इनसे पढाने के काम के अलावा सभी काम जैसे चुनावी कार्य ,,मतदाता सूचियों का परीक्षण ,,बी एल ओ का काम ,,,जानवर गिनने का काम ,,पोलियो का काम ,,पोषाहार का काम ,,,वगेरा वगेरा सभी काम इनसे करवाये जाते है ,,लेकिन अब वर्तमान संकट हाल में जब एक तरफ चीन की सेनाये है ,,दूसरी तरफ पाकिस्तान के सैनिक हमारे सेनिको की हत्याकर उनके शव क्षतविक्षिप्त कर जा रहे है ,,भितरघाती आस्तीन के सांप आतंकवादी सेना के केम्पो में घुसकर घातक हमले कर रहे है ,,,ऐसे वक़्त में जब हमारी फ़ौज को सीमाओ की सुरक्षा ,,खुद के शिविरों की सुरक्षा और दुश्मनो की चालबाज़ियों के खिलाफ सतर्क रहने की ज़िम्मेदारी है ,सेना नाज़ुक मोड़ पर है ,,तब सेनिको को अगर नोटों के छापने ,,नोटों की सुरक्षा ,,बिना सुचना के दूसरे राज्यो में भेजा जाने लगे तो सच सेनिको का फिर क्या सम्मान रह जाता है ,,हमारी पुलिस ,,हमारे अर्ध सैनिक बल जो काम कर सकते है ,,उसके लिए सेना को डिस्टर्ब करना ,,सेना का मनोबल कमज़ोर करने जैसा है ,,,देश के सैनिक ज़िंदाबाद है ,,उन्हें सरहदों की रखवाली के लिए ही रहने दे ,,पुलिस का काम पुलिस से ,,प्रशासन का काम प्रशासन से करवाये ,,पुलिस और अर्धसैनिक बलो से जुड़े लोगो पर इतना अविश्वास अच्छी बात नहीं लगती है ,,राजनाथ सिंह गृहमंत्री को यूँ नज़र अंदाज़ कर उनसे कोनसी सूचनाएं आप छुपाना चाहते हो यह जनता सब समझने लगी है ,,,,आखिर जिस काम के लिए जो तैनात किये गए है ,,अगर आपात स्थिति नहीं है तो उनसे वही काम लिया जाना चाहिए ,,लेकिन जो फ़ौज का काम जानता है उसे तो दूसरा विभाग सम्भलाया गया है ,,जो अर्थशास्त्र का काम जानता है उसे दूसरा विभाग ,,जो क़ानून का काम जानता है उसे दूसरा विभाग और जो शिक्षा का काम जानता है उसे दूसरा विभाग ,,जो महिला सुरक्षा का काम जानते है उसे दूसरा विभाग दे दिया गया है ,,अख्तर

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