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23 नवंबर 2016

भाइयो यह आपने ,,जो दिन रात मेहनत करके ,,खून पसीना बहकर जो कमाई की है न

भाइयो यह आपने ,,जो दिन रात मेहनत करके ,,खून पसीना बहकर जो कमाई की है न ,,जो रक़म ज़रूरी खर्च के लिए बन्द नोटों में घर पर रखी थी ना ,,बैंक में जमा किये थे था ,,,शादी ब्याह ,,बच्चो की खुशियो के लिए रखे थे न ,,स्कूल फीस ,,असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए रखे थे ना ,,रोज़गार के लिए रखे थे न ,,दफ्तरों में दिन रात महनत करी ,,,चाय ,, पान की थडियों पर पसीना बहाया ,,मज़दूरी की ,,घर घर झाड़ू पोंछा किया ,,सरकारी कर्मचारियों ने सरकार को टेक्स देकर अपनी रक़म बचाई ,,दोस्तों कुछ एडिक्ट है जो इस कमाई को ,,इन रुपयो को बदलवाने ,,बैंक में जमा करवाने ,,व्यवस्था को लेकर नाराज़गी जताने पर ,,इस कमाई को काली कमाई कह रहे है ,,उन्हें अडानी ,,अम्बानी ,,क़र्ज़ माफ़ का मज़ा लेने वाले ,,भगोड़े विजय मालिया ,,लाइनो में अब तक नहीं लगे ,,ऐसे मंत्री ,,विधायक ,,कॉरपोरेट सेक्टर के लोगो के आचरण नहीं दिख रहे ,,इन की तो सफ़ेद कमाई और गरीबो की कढ़ी मेहनत ,,खून पसीने की कमाई काली कमाई ,,वाह एडिक्ट भाइयो ,,,खूब इंसाफ किया आपने देश की सवा सो करोड़ जनता के साथ सिर्फ पांच करोड़ लोगो के लिए ,,उफ्फ्फ ,,एडिक्ट भाइयो अभी भी अपनी ऐसी पोस्ट जिनसे इन गरीबो का दिल दुखा है डिलीट कर माफी मांग लीजिये प्लीज़ ,,,एडिक्ट से थोड़ी देर के लिए ही सही एक खालिस हिंदुस्तानी बन जाइये प्लीज़ ,,गरीबो के हमदर्द ,,आम आदमी के साथी बन जाइये प्लीज़ ,,,,अख्तर

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