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13 मार्च 2016

LoC के पास देखी गई चीनी आर्मी की टुकड़ी, कश्मीर में बढ़ेंगी भारत की मुश्किलें?



LoC के पास देखी गई चीनी आर्मी की टुकड़ी, कश्मीर में बढ़ेंगी भारत की मुश्किलें?
श्रीनगर. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की टुकड़ी को लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास देखे जाने की बात सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक चीनी आर्मी को पाकिस्तान के इलाके वाले कश्मीर में देखा गया है। एलओसी पर क्या कर रहे हैं चीनी जवान...
- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टुकड़ी में पीएलए के सीनियर अफसर भी हैं।
- चीनी आर्मी के जवान नौगाम सेक्टर के अपोजिट पाक सीमा पर देखे गए।
- पाकिस्तान आर्मी के अफसरों की कुछ बातचीत रिकॉर्ड हुई है। इसके मुताबिक चीनी जवानों की टुकड़ी एलओसी के पास कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रही है।
- हालांकि इस पर इंडियन आर्मी की तरफ से अभी तक कुछ नहीं कहा गया है।
- सूत्रों के मुताबिक सीनियर अफसर पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
- जेएनयू में चाइनीज स्टडीज के प्रो. श्रीकांत कोंडापल्ली के मुताबिक एलओसी के पास चीनी आर्मी का दिखना चिंता की बात हो सकती है।
पाक अफसरों की बातचीत में और क्या निकला?

- 'चीनी आर्मी की टुकड़ी पीओके में लीपा वैली में सुरंग भी खोदेगी।'
- 'इसके अलावा काराकोरम हाईवे तक पहुंचने के लिए एक सड़क भी बनाएगी।'
- पीएलए अफसरों के दौरे को चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के एक्सपर्ट के तौर पर भी देखा जा रहा है।
इससे पहले कब नजर आई थी चीनी आर्मी?

- पीएलए की टुकड़ी 2015 के आखिर में पहली बार तंगधार सेक्टर के अपोजिट नजर आई थी।
- इस इलाके में चीन की कंपनी चाइना गेझाउबा ग्रुप कंपनी लिमिटेड 970 मेगावॉट का एक प्रोजेक्ट झेलम-नीलम बना रही है।
- इससे पहले भारत ने उत्तरी कश्मीर के बांदीपुर में किशनगंगा पॉवर प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट की कैपेसिटी 330 मेगावॉट है।
- किशनगंगा प्रोजेक्ट के इसी साल पूरा होने की पॉसिबिलिटी है।
- झेलम-नीलम प्रोजेक्ट को बनाने की वजह किशनगंगा को बताया जा रहा था।
PLA की टुकड़ी के पाक में तैनाती की मिली थी खबर
- सिक्युरिटी एजेंसियों ने चीनी आर्मी के जल्द पाकिस्तान में तैनाती की जानकारी सरकार को दी थी।
- बताया जा रहा था कि चीन की आर्मी 3 हजार किमी लंबे चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की सिक्युरिटी करेगी।
बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट से शिनजियांग को जोड़ेगा कॉरिडोर
- ये कॉरिडोर पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट को चीन के शिनजियांग इलाके से जोड़ता है।
- चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) काराकोरम हाईवे की सिक्युरिटी के लिए तैनात होगी।
- फिलहाल पाकिस्तान ने 3 इंडिपेंडेंट इन्फैन्ट्री ब्रिगेड और 2 रेजिमेंट्स को इस हाईवे की सिक्युरिटी के लिए तैनात किया है।
- बता दें कि एक ब्रिगेड में कम से कम 3 रेजीमेंट होती हैं। हर रेजीमेंट में एक हजार जवान होते हैं।
क्या है चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर?
- चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट से शुरू होगा।
- मकरान कोस्ट से होते हुए ये कॉरिडोर लाहौर, इस्लामाबाद को जोड़ता है।
- गिलगिट-बाल्टिस्तान (पीओके) होते हुए यह काराकोरम हाईवे को भी जोड़ेगा।
- चीन के काशगर में शिनजियांग पर ये खत्म होगा।
कब तक शुरू होगा इकोनॉमिक कॉरिडोर?
- CPEC का पहला फेज इस साल दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
- 3 साल में यह पूरा बनकर तैयार हो जाएगा।
- इसके चलते चीन को इंडियन ओशन और उसके आगे तक सीधा रास्ता मिल जाएगा।
- कोरिडोर के छोटे रास्ते (12 हजार किमी) से चीन को गल्फ कंट्रीज से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और फ्यूल मिल सकेंगे।
- बता दें कि प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने पिछले साल अप्रैल में पाक दौरे में हाईवे बनाने की बात पर रजामंदी जताई थी।
भारत की है पूरे मामले पर नजर
- पाकिस्तान में चीनी आर्मी की मौजूदगी भारत के लिए चिंता की बात है।
- एक अफसर के मुताबिक, 'हम सारे डेवलपमेंट्स पर नजर रख रहे हैं। हमें पता है कि कितनी तादाद में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पाकिस्तान में तैनात होने वाली है।'
- सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान गिलगिट-बाल्टिस्तान रीजन में अपनी पैठ बनाना चाहता है।
- अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान को वहां खासा विरोध झेलना पड़ेगा।
- इससे पहले भारत ने गिलगिट-बाल्टिस्तान इलाके में चीनी सेना की मौजूदगी पर आपत्ति जताई थी।

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