भोपाल. एक टीवी न्यूज चैनल के पत्रकार अक्षय सिंह की मध्य
प्रदेश के झाबुआ जिले में शनिवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई। अभी तक
यह साफ नहीं हो पाया है कि अक्षय की मौत की वजह क्या है। मौत से पहले अक्षय
व्यापमं घोटाले की रिपोर्टिंग के सिलसिले में झाबुआ के मेघनगर कस्बे में
नम्रता डामोर के परिवार का इंटरव्यू कर रहे थे। वे दिल्ली से वहां पहुंचे
थे। नम्रता डामोर इंदौर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ती थीं। उनकी लाश
रेलवे ट्रैक के नज़दीक मिली थी। नम्रता का नाम गलत ढंग से मेडिकल कॉलेज में
दाखिला लेने वालों में था।
मरने से पहले मुंह से निकला झाग
बताया जा रहा है कि नम्रता के पिता से बात करते-करते अक्षय के मुंह से
झाग निकला और वे कुर्सी से नीचे गिर गए। उन्हें तुरंत पास के डॉक्टर के
पास ले जाया गया। वहां राहत न मिलने पर लोग अक्षय को दूसरे अस्पताल ले गए।
लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शनिवार शाम को झाबुआ के
नजदीक ही गुजरात के दाहोद में अक्षय का पोस्टमॉर्टम किया गया।
25 आरोपियों की मौत हो चुकी है
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक व्यापमं घोटाले के 25 आरोपियों की अब तक
मौत हो चुकी है। इस मामले में अब तक 2,000 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
क्या है व्यापमं?
व्यापमं व्यावसायिक परीक्षा मंडल का शॉर्टफॉर्म है। व्यावसायिक परीक्षा मंडल मध्य प्रदेश में प्री मेडिकल टेस्ट, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं करवाता है।
व्यापमं व्यावसायिक परीक्षा मंडल का शॉर्टफॉर्म है। व्यावसायिक परीक्षा मंडल मध्य प्रदेश में प्री मेडिकल टेस्ट, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं करवाता है।
क्या है व्यापमं घोटाला?
आरोप है कि व्यापमं घोटाले में कंप्यूटर सूची में हेराफेरी करके गलत तरीके से नाकाबिल लोगों को भर्ती कराया गया। व्यापमं के जरिए से कॉन्ट्रैक्ट टीचर वर्ग-1 और वर्ग-2 के अलावा कांस्टेबल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी व नापतौल निरीक्षक आदि की भर्तियां की गईं। व्यापमं की तमाम भर्तियों में से करीब 1000 भर्तियों को संदिग्ध माना गया है। इन संदिग्ध भर्तियों की जांच की जा रही है। यही नहीं, मेडिकल कॉलेज में हुए करीब 500 एडमिशन भी शक के दायरे में है। आईपीएस अधिकारी व डीआईजी आरके शिवहरे को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन पर आरोप है कि अपनी बेटी नेहा को प्री-पीजी मेडिकल में अनुचित तरीके से भर्ती कराया था। पीएमटी परीक्षा में भर्तियों के मामले में अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के विनोद भंडारी को गिरफ्तार किया जा चुका है। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और उनके ओएसडी ओपी शुक्ला गिरफ्तार किए जा चुके हैं। यह मामला पहली बार जुलाई, 2013 में उछला था। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में अब एसटीएफ इसकी जांच कर रहा है।
आरोप है कि व्यापमं घोटाले में कंप्यूटर सूची में हेराफेरी करके गलत तरीके से नाकाबिल लोगों को भर्ती कराया गया। व्यापमं के जरिए से कॉन्ट्रैक्ट टीचर वर्ग-1 और वर्ग-2 के अलावा कांस्टेबल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी व नापतौल निरीक्षक आदि की भर्तियां की गईं। व्यापमं की तमाम भर्तियों में से करीब 1000 भर्तियों को संदिग्ध माना गया है। इन संदिग्ध भर्तियों की जांच की जा रही है। यही नहीं, मेडिकल कॉलेज में हुए करीब 500 एडमिशन भी शक के दायरे में है। आईपीएस अधिकारी व डीआईजी आरके शिवहरे को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन पर आरोप है कि अपनी बेटी नेहा को प्री-पीजी मेडिकल में अनुचित तरीके से भर्ती कराया था। पीएमटी परीक्षा में भर्तियों के मामले में अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के विनोद भंडारी को गिरफ्तार किया जा चुका है। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और उनके ओएसडी ओपी शुक्ला गिरफ्तार किए जा चुके हैं। यह मामला पहली बार जुलाई, 2013 में उछला था। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में अब एसटीएफ इसकी जांच कर रहा है।
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