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14 जून 2015

काजियो का साहसिक फैसला


इंदौर में मालवा और इंदौर संभाग के काजियों और इमाम साहिबान ने एसी शादियों में निकाह न पढाने का फैसला किया है जिसमें बैंड; डीजे और गैर इस्लामी रसमे होंगी। मुफतिए मालवा हबीबयार साहब का कहना है कि इस तरह की शादियों से आम लोगों को परेशानी होती है और फिजूलखर्ची भी।उन्होंने इससे बचने वाली रकम को भलाई के कामों और तालीम पर खर्च करने का आह्वान किया।काजियों का यह कदम सराहनीय है , जिसकी प्रशंसा की जानी चाहिए।हम उम्मीद करते हैं कि यह हजरात आगे चलकर दहेज के मामले में भी इसी तरह का फैसला लेंगे।यह बैठक जामा मस्जिद बडवाली चौकी पर हुई।बैठक में शहर काजी इशरत अली साहब भी मौजूद थे।हम इस फैसले के लिए सभी काजियों और इमाम साहिबान को खासतौर पर मुफ्तिए मालवा मोहतरम हबीबयार खान साहब और शहर काजी इशरत अली साहब को मुबारकबाद पेश करते हैं।

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