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10 जून 2015

तुम्हारी ख़ुशी

में क्यों
उदास हूँ
जानते तो हो तुम
फिर भी
तुम यूँ ही
मुझे हमेशा
उदास रखना
चाहते हो
तुम्हारी ख़ुशी
इसी में है अगर
तुम्हारे चेहरे की चमक
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान
मेरी उदासी में है अगर
तो फिर
तुम्हारी ख़ुशी के खातिर
में दुआ करता हूँ खुदा से
मेरे चेहरे की यह उदासी
तुम्हारे चेहरे की यह चमक यह ख़ुशी
मरते दम तक
यूँ ही क़ायम रहे
सिर्फ तुम्हारी ख़ुशी के खातिर ,,अख्तर

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