राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने जयपुर में मेट्रो ट्रेन
चलने की इच्छा जताई एक ख़्वाब देखा उसे साकार किया पूर्व मंत्री शान्तिकुमार
धारीवाल के जज़्बे और हौसले ने ,,,मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ने पहले इस
मेट्रो का विरोध किया फिर जन भावना के आगे घुटने टेके और अब पकी पकाई
स्वादिष्ट खीर के खुद भी मज़े ले रही है और जयपुर वासियों को भी इसके मज़े
देने के लिए कल इसका उद्घाटन कर दिया गया ,,,दोस्तों सपना देखना एक अलग बात
है ,,इच्छा जताना भी अलग बात है लेकिन एक असम्भव सपने को सम्भव
बना कर अगर साकार किया जा सकता था तो वोह होसला सिर्फ और सिर्फ शान्ति
कुमार धारीवाल का था ,,,जी हाँ दोस्तों मेट्रो ट्रेन जयपुर में चलेगी
पूर्व मुख्यमंत्री ने घोषणा की ,,शांतिधारीवाल कोटा ट्रेफिक कंट्रोल को
देखते हुए कोटा में भी एक ट्रेन स्टेशन से अनंतपुर तक चलाना चाहते थे सर्वे
हुआ ,,घोषणा हुई ,,लेकिन शांतिधारीवाल के सामने जयपुर मेट्रो ट्रेन और
राजस्थान के दूसरे विकास कार्य बढ़ी चुनौती थी इसलिए उन्होंने कोटा ट्रेन को
दूसरी प्राथमिकता पर रख कर जयपुर मेट्रो को पहली प्रार्थमिकता पर रखा ,,कई
राते शान्ति धारीवाल नहीं सोये ,,कई घंटो मेराथन मीटिंग की और आखिर में
यह असम्भव सम्भव हो सका ,, आज जयपुर मेट्रो का उदघाटन चाहे वसुंधरा ने किया
हो ,,इसका सपना चाहे अशोक गेहलोत ने देखा हो लेकिन इस मेट्रो ट्रेन संचालन
में कोई नीव की ईंट बना जिसने अपना पसीना बहाया ,,अपने दूसरे उपलब्धि भरे
कामो को त्यागा , वोह शान्तीधारीवाल है ऐसे में अगर मेट्रो के प्रणेता
,,मेट्रो के रचियता ,,मेट्रो के संचालक के रूप में शान्तीधारीवाल का नाम
स्थापित न हो तो यह अहसान फ़रामोशी होगी ,,शांतिधारीवाल से किसी की निजी
रंजिश ,निजी नाराज़गी हो सकती है लेकिन ज़रा दिल पर हाथ रख कर अपने इस धड़कते
दिल से पूँछिये क्या यह सच नहीं है ,,अगर सच है तो दोस्तों शान्तीधारीवाल
के इस ऐतिहासिक असम्भव को सम्भव करने के मेट्रो संचालन कारनामो को सलाम
करते हुए उनके हौसले और जज़्बे को मुबारकबाद देने के लिए उनकी पीठ थपथपाना
तो बनता है ,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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