बीजिंग. चीन के सरकारी अखबार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
की विदेशी निवेश लाने की कोशिश पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चीनी अखबार
'ग्लोबल टाइम्स' के मुताबिक एक साल के कार्यकाल में दुनिया के ताकतवर
देशों के साथ रिश्ते मजबूत करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धि है।
लेकिन अखबार यह भी लिखता है कि मोदी की कोशिशों के बावजूद भारत में बहुत कम
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आ रहा है। अखबार ने भारत के बुनियादी
ढांचे की खामियों को निवेशकों के लिए बड़ी चुनौती बताया है।
अखबार ने क्या लिखा?
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने 'इकॉनमी ए डाइलेमा फॉर ग्लोब-ट्रॉटिंग मोदी' शीर्षक से छपे संपादकीय लेख में कहा, 'अपनी भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से भारत की राजनयिक स्तर पर साख अच्छी है। भले ही भारत निवेशकों को यह बताने की कोशिश करे कि उनके यहां निवेश करना फायदे का सौदा है, लेकिन मौजूदा स्थितियां ऐसा नहीं बतातीं। बिजली की सप्लाई अक्सर कटती रहती है। वहां अच्छी सड़कों और बंदरगाहों की कमी है। मजदूर हड़ताल करते रहते हैं। ऐसी पृष्ठभूमि में निवेश करवाना बड़ी समस्या साबित होगा।'
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने 'इकॉनमी ए डाइलेमा फॉर ग्लोब-ट्रॉटिंग मोदी' शीर्षक से छपे संपादकीय लेख में कहा, 'अपनी भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से भारत की राजनयिक स्तर पर साख अच्छी है। भले ही भारत निवेशकों को यह बताने की कोशिश करे कि उनके यहां निवेश करना फायदे का सौदा है, लेकिन मौजूदा स्थितियां ऐसा नहीं बतातीं। बिजली की सप्लाई अक्सर कटती रहती है। वहां अच्छी सड़कों और बंदरगाहों की कमी है। मजदूर हड़ताल करते रहते हैं। ऐसी पृष्ठभूमि में निवेश करवाना बड़ी समस्या साबित होगा।'
चीनी अखबार की यह टिप्पणी इसलिए भी अहम है कि मोदी ने कुछ दिनों पहले
ही तीन दिनों की चीन यात्रा की है, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया
था। लेकिन उनके दौरे के दो दिनों बाद ही वहां के सरकारी अखबार ने भारत की
आलोचना की है।
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