आपका-अख्तर खान

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09 मई 2015

बात जो तूने कही .

लिख वो प्यार की-
बात जो तूने कही .
लिख उसके बाद की
पीड़ा जो तूने सही
लिख की तू मुहजोर
नहीं कायर है .
लिख की तू तमाशबीन
नहीं शायर हैं .

आज वो हर बात -
लिख जो तूने कही है
जमाना जानता है
वो कितनी सटीक
कितनी सही है .
आज ही लिख -
अपनी अंतरात्मा का
वो सच - जो
कल कोई नहीं सुनेगा .
कोई नहीं पढ़ेगा .
कम से कम - कोई
अलग से अपने
मायने नहीं गढ़ेगा .,,,सतीश चन्द्र शर्मा

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