मेरी सभी हदें
तुमसे शुरू होकर
सिर्फ तुम पर ही
खत्म होती है ,,,
क्योंकि ,
एक तुम्ही हो
जिसने
अपनी हदों में
हमे बांध लिया है ,,,,अख्तर
तुमसे शुरू होकर
सिर्फ तुम पर ही
खत्म होती है ,,,
क्योंकि ,
एक तुम्ही हो
जिसने
अपनी हदों में
हमे बांध लिया है ,,,,अख्तर
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