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18 मई 2015

पांडवों ने गुरु को दान किया था यह गांव, आज कुछ ऐसा आता है नज़र

पांडवों ने गुरु को दान किया था यह गांव, आज कुछ ऐसा आता है नज़र
गुडगांव. हरियाणा लगातार तरक्की की सीढियां चढ़ते जा रहा है। अर्थव्यवस्था हो या फिर इन्फ्रास्ट्रक्चर सभी क्षेत्रों में हरियाणा ने प्रगति की है। नए बिज़नेस, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से लेकर कई उद्योग राज्य में स्थापित किए गए हैं। इन सभी विकास कार्यों के बारे में बताने के लिए हमने 'झलक हरियाणा की' सीरीज शुरू की है। जिसके तहत आज हम आपको हरियाणा की आईटी सिटी गुड़गांव के बारे में बता रहे हैं, जो कभी पांडवो की हुआ करती थी। इसके बारे में मान्यता है कि कभी इस गांव की धरती पर महान शासकों पांडव और कौरवों का राज हुआ करता था. दरअसल गुरु द्रोण द्वारा पांडवों की युद्ध शिक्षा की तारीफ किए जाने पर पांडवों ने इस गांव को अपने गुरु द्रोण को दान कर दिया था, जिससे इसका नाम गुरु ग्राम पड़ा लेकिन आगे चलकर यह गांव गुड़गांव के नाम से जाने लगा।
गुड़गांव हरियाणा के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। जो की दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर है। कभी खेती पर चलने वाले इस शहर में आज 500 से ज्यादा नेशनल और इंटरनेशनल कंपनियों के ऑफिस हैं। बड़े-बड़े मॉल और आसमान छूती इमारतें इस शहर की शान बन चुकीं हैं। आज यहां कोका कोला, पैप्सी, आबीएम, अमेरिकन एक्प्रैस, माइक्रोसॉफ्ट, मिस्तूबिशी इलेक्ट्रिक और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी बड़ी कंपनियों के दफ्तर हैं।

यहां पर लोगों के आने जाने के लिए भी उच्च स्तर के इंतजाम किए गए हैं। गुड़गांव से नोएडा तक की दूरी तय करने के लिए मेट्रो है और शहर में ही एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए रैपिड मेट्रो शुरू की गई है।
सन् 1966 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडिय़ो से हरियाणा के अलग राज्य की घोषणा करते हुए कहा था कि हरियाणा और पंजाब के आपसी संबन्ध मजबूत बनाने के लिए चंडीगढ़ दोनों प्रांतों की संयुक्त राजधानी होगी और इसे केन्द्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया जाएगा। इसके बाद हरियाणा ने उच्च स्तर पर विकास किया। राज्य में एक ओर जहां खेती को आय का मुख्य श्रोत बनाते हुए विकास किया गया। वहीं दूसरी ओर हरियाणा का ही एक शहर है गुड़गांव जो कुछ ही सालों में एक छोटे से गांव से एक आधुनिक शहर में बदल गया।

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