आपका-अख्तर खान

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28 मई 2015

मिटाने वाले

दोस्त बन बन के मिले
मुझको कई मिटाने वाले
मैने देखे हैं कई रंग बदलने वाले
तुमने तो चुप रहके सितम
और भी ढाया मुझपर
तुमसे अच्छे तो वो हैं
जो हैं मेरे हाल पे हँसने वाले .

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