नई दिल्ली. मैगी बनाने वाली नेस्ले इंडिया की मुश्किलें कम
नहीं होती दिख रही हैं। उत्तर प्रदेश फूडसेफ्टी और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन
(यूपीएफडीए) आज नेस्ले कंपनी पर फूड एंड सेफ्टी एक्ट 2006 के साथ मुकदमा
दर्ज करवाएगा। इस संंबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। इस एक्ट के तहत
कंपनी और उनके अधिकारियों पर 1 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना, जेल या
दोनों की सजा सुनाई जा सकती है। वहीं, इस दौरान नेस्ले इंडिया कंपनी द्वारा
मैगी के सैम्पल को कोलकाता लैब में टेस्ट करवाने का एक और दावा झूठा साबित
हुआ है। कंपनी ने दावा किया था कि उसने मैगी के एक पैकेट का सैंपल जांच के
लिए बाराबंकी के खाद्य अधिकारी की मदद से कोलकाता की लैब में भिजवाया था,
लेकिन बाराबंकी के खाद्य सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक कंपनी ने जांच कराने
के लिए कोई प्रार्थना पत्र ही नहीं दिया।
यूपीएफडीए के कमिश्नर पी. के. सिंह ने से
एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया पर
मुकदमा दर्ज करने के लिए आदेश की कॉपी शुक्रवार को बारांबकी में फूड
डिपार्टमेंट को भेज दी गई है। शनिवार को बाराबंकी सीजेएम कोर्ट में न्यू
दिल्ली ईजीडे, नेस्ले इंडिया प्राइवेट लिमिटेड न्यू दिल्ली और ऊना (हिमाचल
प्रदेश) में कंपनी के दफ्तर, ईजीडे के लाइसेंस धारक साहब आलम और ईजीडे के
मैनेजर मोहन गुप्ता समेत छह पर मुकदमा दर्ज होगा। ये मुकदमा लैब जांच
रिपोर्ट में मैगी के अनसेफ और मिस ब्रांडेड होने के चलते दर्ज होगा।
Yippee के भी लिए गए सैंपल, जांच के लिए भेजे जाएंगे लखनऊ लैब
मैगी के बाद येप्पी नूडल्स के भी सैंपल लिए गए हैं। आगरा में एफडीए
ने येप्पी नूडल्स के पांच हजार पैकेट सीज कर लिए हैं। इसकी जांच लखनऊ के
एफडीए लैब में होगी। चीफ फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के
बाद ही इसे रिलीज करने पर फैसला होगा।
सरकार ने दिए पूरे देश में जांच के आदेश
केंद्र सरकार की संस्था फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया
(FSSAI) ने पूरे देश में मैगी की जांच के आदेश दे दिए हैं। 1 जून तक इसकी
रिपोर्ट FSSAI को भेजनी है।
यूपीएफडीए कमिश्नर सिंह का कहना है कि उन्हें मंगलवार को ये लेटर मिल
गया है। ये लेटर एफडीए द्वारा एक हफ्ते पहले FSSAI को लिखे पत्र के संज्ञान
में जारी किया गया है। सरकार की ओर से इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। FSSAI
के मुताबिक, अगर इन सैम्पल्स में भी तय मात्रा से ज्यादा केमिकल्स और लेड
पाया जाता है, तो मैगी पर सरकार सख्त एक्शन लेगी। इतना ही नहीं, तब इसका
लाइसेंस कैंसिल कर इसे बैन भी किया जा सकता है।
ये कहना है सरकार का
इस बारे में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री राम विलास
पासवान ने कहा, "मैगी में MSG और सीसे की भारी मात्रा होने की रिपोर्ट को
सरकार गंभीरता से ले रही है। इन रिपोर्ट्स की जांच की जाएगी। जांच के
परिणामों के आधार पर कंपनी पर उचित एक्शन लिया जाएगा।"
मैगी मामले में माधुरी को मिला नोटिस
हरिद्वार फूड डिपार्टमेंट ने एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित को ये नोटिस
बतौर ब्रांड एम्बेस्डर एक प्रचार में मैगी को स्वास्थ्यवर्धक बताने के लिए
दिया है। 15 दिन के अंदर नोटिस का जवाब न देने पर विभाग ने एडीएम कोर्ट में
उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात भी कही है। विभाग के खाद्य सुरक्षा
अधिकारी दिलीप जैन का कहना है कि आटा मैगी के एक विज्ञापन में माधुरी ने ये
गलत जानकारी फैलाई थी कि इसे खाने से 2 से 3 रोटी खाने के बराबर फाइबर
मिलता है। साथ ही, शरीर हेल्दी रहता है। इस संबंध में जारी नोटिस में
माधुरी से पूछा गया है कि उन्होंने किस आधार पर ये बाते कही हैं?
ये है पूरा मामला
पिछले दिनों यूपी के बाराबंकी जिले से मैगी के 12 अलग-अलग सैम्पल लेकर
केंद्र सरकार की कोलकाता स्थित लैब में टेस्ट कराया गया। रिपोर्ट आई तो
मैगी के इन पैकेटों में लेड की मात्रा 17.2 पार्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम)
पाई गई है, यह स्वीकार्य सीमा से लगभग सात गुना ज्यादा है। एफडीए के
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल डीजी श्रीवास्तव के मुताबिक मैगी नूडल्स में
लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामैट (एमएसजी) की मात्रा खतरनाक स्तर पर पाई गई
है। लेड की स्वीकार्य योग्य सीमा 0.01 पीपीएम से 2.5 पीपीएम के बीच है।
एफडीए ने ये सारी जानकारी एक चिट्ठी लिख FSSAI को दी थी।
ये कह रही है मैगी बनाने वाली कंपनी
मामले को लेकर मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले
इंडिया के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन हेड हिमांशु मांगलिक से बात की। मांगलिक ने
बताया, "कंपनी को मैगी नूडल्स के लैब टेस्ट रिपोर्ट में MSG और ज्यादा लेड
होने की जानकारी मिली है। इसको लेकर कंपनी खुद आश्चर्यचकित है। साथ ही,
कंपनी ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी कर इस मामले पर अपना पक्ष रखा है। हमने
करीब 600 से ज्यादा सैम्पल्स लेकर स्वतंत्र जांच के लिए मान्यता प्राप्त
लैब में भेजा है। रिपोर्ट आते ही सरकार से और दैनिक भास्कर से शेयर की
जाएगी। उसी आधार पर आगे की स्ट्रैटजी बनाई जाएगी।"
अब तक 60 हजार लोग दे चुके हैं मैगी पर अपनी राय
मैगी से जुड़ी इस खबर पर दैनिक भास्कर के फेसबुक पेज पर 60 हजार से
ज्यादा कमेंट आ चुके हैं। सबसे ज्यादा लोगों ने मैगी में MSG और लेड जैसे
खतरनाक केमिकल होने के बाद भी अब तक सरकार की ओर से इस पर बैन न लगाने पर
सवाल उठाया है। वहीं, लोगों ने सरकार से पूरे देश में मैगी की जांच की मांग
भी की थी। ताकि, पूरा सच सामने आ सके।
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