आपका-अख्तर खान

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26 अप्रैल 2015

सुना है .

वादा निभाने की खातिर न आना ।
सुना है ...
वादा निभाने वाले अहम को साथ रखते हैं ।
दंभ और अहंकार रूप हैं इसके ...
ये अक्सर दिल तोड़ जाते हैं ,
और उदासी में , अकेला छोड़ जाते हैं ।
मेरी चाहत की गहराई...
दिए की लौ से भी ऊँची है ।
जब दिल अकेले में मुस्कुरा दे ...
जब आँखों से चंद बुँदे गिर आये ...
तो आ जाना ...
मैं दरवाज़े में दस्तक का इंतज़ार करुँगी ।

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