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08 अप्रैल 2015

एक शख्सियत ,,सादा और सरल ,,खूबसीरत सी लेकिन सियासी ,,ईमानदार ,,राजस्थान कांग्रेस के सह प्रभारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अलहाज मिर्ज़ा इरशाद बेग

दोस्तों एक शख्सियत ,,सादा और सरल ,,खूबसीरत सी लेकिन सियासी ,,ईमानदार ,,राजस्थान कांग्रेस के सह प्रभारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अलहाज मिर्ज़ा इरशाद बेग के साथ एक दिन का खुशनुमा सफर ,,सोचने को मजबूर करता है ,,सियासत में सभी लुटेरे ,,सभी मक्कार नहीं होते कुछ बेहतर ओर बेहतरीन इंसान भी सियासत में होते है ,,,,,,जी हाँ दोस्तों पिछले दिनों फातेहाँ वेलफेयर सोसायटी के सामूहिक विवाह सम्मेलन में मुझ से इरशाद बेग साहब को बुलाने के लिए कहा गया ,,एक फोन पर सहजता और सरलता से बेग साहब ने दावतनामा बिना किसी नाज़ नखरे के क़ुबूल किया ,,,,,,,,वायदे के मुताबिक़ मिर्ज़ा इरशाद बेग पांच अप्रेल को सुबह ट्रेन से अहमदाबाद से आने वाले थे ,,देहात अल्सपंख्य्क कांग्रेस के प्रमुख अब्दुल करीम और में इरशाद बेग को लेने स्टेशन गए ,,ट्रेन आई ,,वही अपनापन ,,,सरलता ,,,पारिवारिक माहोल ,,स्टेशन से होटल फिर होटल से सर्किट हाउस पहुंचे ,,जहां चाय से फारिग होकर ,,मिर्ज़ा इरशाद बेग ने पहले गुसल किया ,,फिर वुज़ू किया ,,क़ुरआने पाक की तिलावत की ,,फिर नमाज़ ,,और दुआओं का सिलसिला चला ,,एक लम्बी इबादत के बाद ,,,लोगों से मिलने जुलने का कार्यक्रम ,,प्रदेश कांग्रेस महा सचिव पंकज मेहता ,,,रामकुमार दाधीच ,,मनोज दुबे ,,पूर्व मंत्री नफीस अहमद ,,जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल ,,उप जिलाप्रमुख मनोज शर्मा सहित कई लोगों ने मेल मुलाक़ात की ,,फिर बरी थी अल्पसंख्यक विभाग से जुड़े लोगों की ,, पंकज मेहता भी अल्सपंख्य्क ,,,,राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष निज़ाम कुरैशी ,,प्रदेश को ओर्डीनेटर मक़सूद अहमद ,,आरिफ नागोरी ,,खालिद भाई ,,इक्रामुद्दीन बबलू ,,लियाक़त लिक्कु ,रहीम खान ,,रिहाना खान ,,मजीद भाई ,,गुल्लू भाई ,,रईस खान ,,कैलाश बंजारा ,,,तबरेज़ पठन ,,शाहनवाज़ खान ,,ज़ाकिर मंसूरी ,,गुल्लू भाई ,,करीम खान सहित दर्जनों लोग उनकी अगवानी में थे सभी से सहजता से सरलता से उनका परिचय लेकर ,,शेर शायरी के साथ शायराना अंदाज़ में मुलाक़ात की ,,,,,,,,हमे निज़ाम कुरैशी ,,मक़सूद अहमद ,,इरशाद बेग को लेकर सामूहिक विवाह सम्मेलन में रवाना होना था ,, स्वागत की औपचारिकता के बाद हम सम्मेलन में पहुंचे जहा मिर्ज़ा इरशाद बेग ने दीनी बाते ,,क़ुरानी ,,हदीस से जुडी हिदायते ,,शादी ,,ब्याह ,,समारोह के बारे में सियासी भाषण से लग हठ कर बताई ,,कुछ सीख दी ,,मुस्लिम समाज के कल्याण और सुधार के टिप्स दिए ,,निज़ाम कुरैशी सहित सभी की दस्तार बंदी हुई ,,,,इरशाद बेग और निज़ाम कुरैशी की ख्वाहिश थी के कोंग्रेसी कार्यकर्ता अब्दुल सलाम जर्रा के आकस्मिक निधन के कारन उनके घर वालों को सांत्वना दी ,,,हम लोग अब्दुल सलाम जर्रा के घर पहुंचे वहां बेग साहब और निज़ाम कुरैशी ने अब्दुल सलाम जर्रा के सुपुत्र कलीम जर्रा के सर पर हाथ फेरा ,,ढांढस बंधाया ,,रोते हुए को गले लगाया ,,फिर मगफिरत के लिए एक लम्बी दुआ खुद मिर्ज़ा इरशाद बेग ने पढ़ी ,,सब हैरान थे एक सियासी शख्सियत हाजी भी है तो दीनदार भी है तो एक मोलवी ,मौलाना की तरह क़ुरानी की विरद के साथ दुआए मग़फ़ेरत पढ़ रहा ,,,,,,सलाम जर्रा की वज़र ख्वाही के बाद ,,पूर्व सांसद इजैराज सिंह के यहना रवाना हुए ,,,जहां थोड़ी सियासी बातें ,,थोड़ा हंसी मज़ाक फिर कांग्रेस युवा नेता भानु प्रताप सिंह ने किसानो को आटे के कट्टे देने का प्रोग्राम रखा था ,,ओलों से तबाह गाँव पीपल्दा मदनपुरा का गाँव बर्बाद तबाह था ,,वहां के किसान रो रहे थे सैकड़ों किसानो के बीच मिर्ज़ा इरशाद बेग ,, पूर्व सांसद इजराज सिंह ,,,कैलाश बंजारा ,, रईस खान सहित कई सरपंच ,,पंच प्रधान ज़लापरिषद सदस्यों की उपस्थित में ,,किसानो को बिजली के बिल नहीं जमा कराने की क्रांतिकारी हिदायत के साथ एक सियासी दर्द भरी तक़रीर जो किसानो के आंसुओं को पोंछने और ज़ख्मों पर मरहम लगाने के लिए काफी थी की गई ,,फिर कोटा वापसी थी ,,अब्दुल करीम खान सारथी थे ,,,,में और निज़ाम कुरैशी साथ थे राजस्थान के अल्सपंख्य्कों के हालात और उनकी सियासी समझ को लेकर एक लम्बा छोड़ा डिस्कशन हुआ ,,अल्सपंख्य्क समाज के सियासी तोर पर उपेक्षित लोगों को कैसे उनके हक़ दिलाये इस पर कुछ गुर सिखाये ,,,,कोटा पहुंचे क्रांतितिवारी उनके स्वागत को आतुर थे ,,,पंकज मेहता झालावाड़ से वापसी लेकर मौजूद थे ,,मिर्ज़ा इरशाद बेग ने उनके सांसद रहे जुझार सिंह की तबियत खराब होने से उनकी मिजाज़ पुरसी करने का हुक्म दिया ,,सभी लोग पूर्व मंत्री भरत सिंह और उनके पिता जुझार सिंह के निवास पर पहुंचे ,,जहां इरशाद बेग ने विनम्रता से जुझारसिंघ की कुशल क्षेम पुंछी ,,कुछ खट्टी मीठी पुरानी यादे ताज़ा हुई ,,हंसी ठहाके हुए फिर भाई इन्साफ आज़ाद के छोटे भाई की शादी में शामिल होना था ,,ट्रेन का वक़्त नज़दीक था लेकिन भागा दौड़ी तो हुई फिर भी भागते भागते बरात स्थल बोरखेड़ा इंसाफ़ आज़ाद साहब ,,उनके परिवार वालों के साथ सादगी भरी सरल मुलाक़ात ,,दूल्हा की बलाइयां लेकर दुआए देने का अन्दाज़ सभी को भा गया ,,,मिर्ज़ा इरशाद बेग की ट्रेन का वक़्त नज़दीक था ,,करीम खान ने गाढ़ी तेज़ दौड़ाई और आखिर वक़्त से पहले स्टेशन पहुंच ही गए ,,रस्ते में मुंबई के लोग उनकी महमानवाज़ी के लिए बार बार इसरार कर रहे थे ,,कोटा और राजस्थान के कई दिग्गज कोंग्रेसी नेता लगातार उनकी महमानवाज़ी की पेशकश कर रहे थे लेकिन वोह हमारी महमाँनवाज़ी की तारीफे करते हेु सभी को अदब के दायरे में शुक्रिया कह रहे थे ,,,तो दोस्तों ,,एक शीर्ष सियासी पद पर रहने वाले राष्ट्रिय कांग्रेस के सचिव ,,राजस्थान के सहप्रभारी जो हाजी तो है ही ,,एक बहतरीन इंसान ,,बेहतरीन वक्ता ,,सियासी समझ वाले तेज़ तर्रार चाणकय कोंग्रेसी ,,क्रन्तिकारी विचारक ,,सहज सरल ,,पुराने लोगों के साथ यादें बटोरने का जज़्बा रखने वाली शाखिसियत ,,,एक इस्लामिक कल्चर ,,नमाज़ी ,,परहेज़गारी ,,इबादतगारी और मौलाना की तरह क़ुरान ,,हदीस की जानकारी रखने वाली यह शख्सियत बहुमुखी प्रतिभा थी ,,जिसके साथ ने एक अहसास तो दिलाया है के सियासत में सभी लोग बुरे नहीं होते ,,सियासत में सभी मुस्लिम लीडर चमचे और बेहूदा बद्तमीज़ नहीं होते ,,कुछ ऐसे अपवाद भी है जो हमारा गुरुर है ,,जो हमारे हमदर्द है ,,ऐसे लोग जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी है वोह लोग सियासत में दबी कुचली मुस्लिम कॉम को होसला देकर ,,बेहतर सीख देकर निश्चित यत्र पर उनका हक़ दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे है ,,और दिल से पहली बार आवाज़ निकली मिर्ज़ा इरशाद बेग ज़िंदाबाद ,,ज़िंदाबाद ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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