आपका-अख्तर खान

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09 अप्रैल 2015

मोहब्बत सुन

ऐ मगरूर मोहब्बत सुन
मेरे ख्याल में जब
तुम गुमसुम हो जाओ
मुझ से बिछड़ कर जब तुम
तड़पने लग जाओ
तुम्हे जब भी मेरी याद सताए
मेरी याद में जब भी
तुम्हारे सर दर्द हो जाए
मुझ से बिछड़ने के गम में
जब तुम पागल हो जाओ
मेरे दिल का पागल खाना
खुला है तुम्हारे लिए खुला ही रहेगा
बस तुम मुस्कुरा देना
थोड़ा आँखों को मिचकाना
बस फिर चले आना ऐ पागल
मेरे इस दिल के पागल खाने में चले आना ,,अख्तर

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