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29 अप्रैल 2015

वैज्ञानिकों ने चेताया- आने वाले हफ्तों में नेपाल में हो सकता है भूस्खलन

नेपाल में पहले भूकंप और अब बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
नेपाल में पहले भूकंप और अब बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
काठमांडू. भूंकप से तबाह हुए नेपाल को आने वाले हफ्तों में फिर से प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। वैज्ञानिकों ने इस बात को लेकर चेतावनी जारी की है। इसमें भूस्खलन और भारी बारिश का खतरा बताया गया है।
इस बात की आशंका यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन (यूएस) की ओर से व्यक्त की गई है। उनका कहना है कि भूकंप के कारण नेपाल में आने वाले हफ्तों में बड़ा भू-स्खलन या फिर जमीन धंसने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। इसके अलावा, मानसून के दौरान भी नेपाल में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बरकरार रहेगा।

नेपाल-तिब्बत बॉर्डर पर रिस्क ज्यादा
इस बात की संभावना यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन (अमेरिका) के शोधकर्ताओं का कहना है कि नेपाल-तिब्बत सीमा इलाके में भू-स्खलन का खतरा ज्यादा है। इसके अलावा उत्तरी काठमांडू और वेस्ट माउंट एवरेस्ट में भी पहाड़ की चोटियां अपना स्थान बदल सकती है। यूएम के जोमोर्फोलॉजिस्ट (भू-वैज्ञानिक) मारिन क्लार्क और उनके दो साथियों ने नेपाल में पिछले शनिवार को भूकंप के बाद कुछ शोध कार्य किया है। बता दें कि नेपाल में शनिवार को रिक्टर पैमाने पर 7.9 तीव्रता वाला भूकंप आया था जिसके कारण अभी तक 5 हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर आ चुकी है। भूकंप के कारण लैंडस्लाइड कहा होगी? इसे लेकर क्लार्क का कहना कि कुछ हफ्तों या महीनों के भीतर भूकंप के एपिक सेंटर से लेकर दस हजार से ज्यादा लोकेशन हाई रिस्क पर है।
पहाड़ पर हुआ लैंडस्लाइड तो ग्लेशियर खिसकेगा
वैज्ञानिकों का कहना है कि नेपाल में इस भयंकर भूकंप से एवरेस्ट पर अभी तक चार बड़े हिमस्खलन हो चुके हैं। अगर आने वाले महीनों में मानसून के दौरान भूकंप के कुछ और झटके आते हैं तो एवरेस्ट, इंडियन ग्लेशियर के साथ ही तिब्बत के ग्लेशियरों में टूट-फूट होने, दरार पड़ने का खतरा है। हो सकता है कि इस वजह से ग्लेशियर टूटे। साथ ही हैंगिंग ग्लेशियरों में हिमस्खलन होने का भी खतरा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले दो साल के दौरान इंडियन हिमालय में पिछले साल की तुलना में अधिक बर्फ गिरी है। इससे स्नो लाइन बढ़ी है पर कच्ची बर्फ बड़े भूकंप की वजह से एवलांच ला सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हैंगिंग ग्लेशियर में पड़ी दरारें कभी भी बड़े हिमस्खलन का कारण बन सकती हैं।

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