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29 मार्च 2015

राजस्थान के कर्मचारियों और अधिकारीयों के हक़ के लिए संघर्ष शील ,क्रांतिकारी विचारधारा वाले हारून खान

राजस्थान अधिकारी कर्मचारी महासंघ के संस्थापक प्रदेश अध्यक्ष हारून खान अपने एक दिवसीय दौरे पर आगामी पांच अप्रेल को कोटा आएंगे ,,,हारून खान कोटा में अल्पसंख्यक अधिकारी कर्मचारी संघ की कोटा इकाई की बैठक भी लेंगे ,,,राजस्थान के कर्मचारियों और अधिकारीयों के हक़ के लिए संघर्ष शील ,क्रांतिकारी विचारधारा वाले हारून खान का जन्म आठ जून उन्नीस सो अड़सठ को अलवर में हुआ ,,पहले यह जालोर रहे अब जयपुर में निवासित है ,,कर्मचारी महासंघ में कई तरह के भेदभाव ,,देखकर हारून खान ने सिक्ख ,,ईसाई ,,मुस्लिम ,, बौद्ध और जेन बंधुओ को लामबंध किया ,,राजस्थान में घूम कर उन्हें हक़ों के लिए संघर्ष के लिए महासंघ बनाने का आह्वान किया ,,हारून खान की ही ताक़त थी के राजस्थान के तीस हज़ार के लगभग कर्मचारियों और अधिकारीयों को इन्होने एक जुट किया और सभी ने हारुन खान के नेतृत्व में भरोसा जताया और हारून खान को ज़िंदाबाद कहा ,,हारुन खान भी अपने साथी कर्मचारियों को उनका हक़ दिलाने के लिए पुरे राजस्थान के दौरे पर रहे उन्होंने कर्मचारियों अधिकारीयों की समस्याएं जानी ,,सुझाव लिए और राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत को बताकर इनकी समस्या समाधान के लिए उदार रुख अपनाने की बात कही जिसे सहजता से राजस्थान सरकार ने स्वीकार किया और ट्रांसफर ,,पोस्टिंग खासकर आर ऐ एस अधिकारीयों को बेहतर विभागों में उनकी कार्य गुणवत्ता के हिसाब से पोस्टिंग देने की बात स्वीकारी गई और आज कई अधिकारी ,,कर्मचारी महत्वपूर्ण विभागों में तैनात है ,,,हारून खान किसी पार्टी ,,किसी व्यक्ति से नहीं जुड़े है वोह तो कर्मचारियों के हक़ की लड़ाई के लिए संघर्ष कर रहे है ,,राजस्थान की वर्तमान मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया को भी उन्होंने कर्मचारियों अधिकारीयों का दर्द बताया है जिसे उन्होंने भी स्वीकार कर समस्याओं के समाधान के प्रति सकारात्मक रुख बताया है ,,,,,,,,हारुन खान ने प्रदेश व्यापी दौरे के कर्मचारियों के पारिवारिक हाल ,,सुक्ख दुःख जाने है और हारून खान की खासीयत रही है के वोह पुरे राजस्थान में दूरदराज़ इलाक़ो में भी अपने पारिवारिक काम छोड़कर कर्मचारी साथियों के पारिवारिक सुख दुःख के साक्षी बनते है ,,,हारून खान ने राजस्थान के सभी कर्मचारियों अधिकारियो से मशवरा कर राजस्थान के सदस्य कर्मचारियों के खेल कूद ,,मनोरंजन ,,चिकित्सा ,स्वास्थ ,,पारिवारिक मामलात ,शिक्षा सभी में कंधे से कंधा मिलाकर साथ निभाने के वचन को निभाया है ,,अभी राजस्थान के दो दर्जन से भी अधिक बच्चे जिनके माता पिता नहीं रहे है उन यतीम बच्चो की ज़िम्मेदारी हारून खान के अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने ली है ,,जिनकी प्रारम्भिक पढ़ाई से लेकर उच्च शिक्षा तक यानी रोज़गार उपलब्ध होने तक उनका सारे खर्च का ज़िम्मा कर्मचारी अधिकारी महासंघ द्वारा उठाया जा रहा है ,,हारुन खान समाज में भी सकारात्मक कार्यों से जुड़े है ,,अच्छे वक्ता है ,,अच्छे इंसान है ,, लोगों के सुखः दुःख में शामिल होकर दर्द बांटते है इसीलिए कर्मचारी अधिकारी महासंघ के सदस्यों के आलावा उनके परिसजन ,,राजस्थान के दूसरे कर्मचारी अधिकारी महासंघ इन्हे ज़िंदाबाद कहते है ,,इनसे मिलकर खुश होते है ,,इनसे अपना दुःख दर्द बांटते है ,,,,,,,,,,,हारून खान की शख्सियत को सलाम सेल्यूट ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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