1- अगर आपको नींद नहीं आती !
आग पर भुने हुए बैंगन में स्वादानुसार शहद डालकर रात में खाने से नींद
अच्छी तरह से आती है। आदिवासियों के अनुसार बैंगन नींद ना आने की बीमारी
को दूर करने में काफी कारगर सिद्ध होता है।
2- पेट फूलने और बदहज़मी की समस्या है!
डांग- गुजरात के हर्बल जानकारों के अनुसार बैंगन का सूप तैयार किया
जाए जिसमें हींग और लहसुन भी स्वाद के अनुसार मिलाया जाए और सेवन किया जाए,
तो यह पेट फूलना, गैस, बदहज़मी और अपचन जैसी समस्याओं में काफी राहत देता
है।
अगर किसी वजह से ज़हरीले मशरूम का सेवन कर लिया जाए, तो व्यक्ति को तुरंत भुने हुए बैंगन को मसलकर खिलाना चाहिए। इससे मशरूम का जहरीला असर खत्म हो जाता है।
पातालकोट में आदिवासी बैंगन को चूल्हे पर भून लेते हैं और इसमें
स्वादानुसार नमक छिड़ककर खाते हैं। इन आदिवासियों के अनुसार बैंगन को इस
तरह चबाना खांसी ठीक कर देता है और कफ बाहर निकल आता है।
4- रक्त की कमी दूर करता है
आदिवासी चूल्हे पर भुने हुए बैंगन में थोडी सी शक्कर डालकर सुबह खाली पेट खाने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से शरीर में रक्त की कमी दूर हो जाती है। वैसे अक्सर आदिवासी हर्बल जानकार इस फार्मूले को मलेरिया रोग के इलाज के बाद देते हैं।
आदिवासी चूल्हे पर भुने हुए बैंगन में थोडी सी शक्कर डालकर सुबह खाली पेट खाने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से शरीर में रक्त की कमी दूर हो जाती है। वैसे अक्सर आदिवासी हर्बल जानकार इस फार्मूले को मलेरिया रोग के इलाज के बाद देते हैं।
5- मशरूम का जहरीला असर खत्म करता है
अगर किसी वजह से ज़हरीले मशरूम का सेवन कर लिया जाए, तो व्यक्ति को तुरंत भुने हुए बैंगन को मसलकर खिलाना चाहिए। इससे मशरूम का जहरीला असर खत्म हो जाता है।
बैंगन में फायबर की प्रचूर मात्रा पाई जाती है और इसमें पाए जाने वाले
कार्बोहाईड्रेट अल्प मात्रा में घुलनशील प्रकृति के होते हैं, इसलिए इसे
डायबिटीज़ के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। टाइप 2 डायबिटीज़ से
ग्रस्त रोगियों को नित्य बैंगन सेवन से शर्करा नियंत्रण में काफी मदद मिलती
है।
7- हृदयरोगियों के लिए उत्तम
आदिवासियों के अनुसार बैंगन का सेवन उच्च रक्तचाप और हृदयरोगियों के
लिए उत्तम है। आधुनिक विज्ञान भी इस बात की पैरवी करता है। अक्सर देखा गया
है कि शरीर में लौह तत्वों की अधिकता नुकसान करती है और ऐसे में नासुनिन
नामक रसायन जो बैंगन में पाया जाता है, यह शरीर के लौह तत्वों की अधिकता को
नियंत्रित करता है और इसे सामान्य बनाने में मदद करता है। इस वजह से हॄदय
संचालन सामान्य रहता है और उच्च रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है।
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