हुज़ूर स अ व की शान ,,उनकी तरबियत ,,उनकी सीख की तब्लीग करने के लिए आज हम
यहां इकट्ठे हुए है ,,,,,,,,इस आयोजन के लिए सभी को मुबारकबाद ,,,,एक आदमी
को आदमी से इंसान ऐसा इंसान जो अशरफुल मख़लूक़ात में शामिल हो सके ,,इसके
लिए हमे कोई तरबियत मिली तो हमारे हुज़ूर स अ व से मिली ,,,खुदा का पैगाम
हुज़ूर स अ व ने आसान जुबां में हम तक पहुंचाया है ,,,हमे पढ़ने की हिदायत
दी ,,हमे इंसानियत का पाठ पढ़ाया ,,,जीने का सलीक़ा बताया ,,हुज़ूर स अ व ने
औरतों को बराबर का दर्जा दिया तो ,,,बुज़ुर्गों की इज़्ज़त
,,छोटो का अदब सिखाया ,,,गरीब ,,मरीज़ ,,परेशान लोगों की हमे मदद की हिदायत
दी ,,तो दूसरे मज़हब के लोगों के साथ हमे खुशमिजाजी से खुश अख़लाक़ी से पेश
होने का जज़्बा सिखाया ,,,मुसीबत के वक़्त सब्र ,,,गुस्से को हराम बताया
,,,,,कालाधन ,,,बेईमानी ,,मिलावटखोरी से दूर रहने की हिदायत दी ,,तो
लड़कियों को पेट में ही मार देने को गुनाह क़रार दिया ,,,,,एक निज़ाम चलाने के
लिए लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया तो अमीरी गरीबी ,,उंच नीच ,,छोटे बढ़े का भेदभाव
मिटाया ,,,हुज़ूर स अ व ने अमीरी गरीबी के भेदभाव को खत्म करने के लिए
समाजवाद का सिद्धांत बताया ,,,,ज़कात ,,खैरात ,,हमारे अपनों को तकलीफों से
बचाने और उन्हें बराबरी का मानसममान देने के लिए बनाई गई ,,,,,,,,,,,दूसरे
के धर्म मज़हब की इज़्ज़त करने की हिदायत दी तो पुरे विश्व में अमन ,,सुकून
,,इन्साफ ,, इंसानियत की हिदायत दी ,,ब्याज ,,बेईमानी ,,,ज़ुल्म ,,ज़्यादती
,, बुराई के खिलाफ जंग लड़ने की इजाज़त दी ,,,,,,,,,,,ऐसे हुज़ूर स अ व
जिन्होंने कहा के अपने अखलाक़ ऐसे बनाओ के दुश्मन भी देखे तो कहे वाह ,,एक
मुसलमान हुज़ूर स अ व की हिदायतों पर चलता है उसकी पहचान इंसाफ ,,इंसानियत
,,सब्र ,,सलीक़े ,,तरक़्क़ी ,,,तालीमयाफ्ता की होती है ,,,तो उनके हुज़ूर कैसे
होंगे ,,उनका मज़हब केसा होगा ,,मुसलमान की नेकी रो एकता से सीख लेकर लोग
तुम्हारे मज़हब की तरफ आये ,,,यही उनकी हिदायत थी ,,,अख्तर
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