पेरिस. फ्रांस की व्यंग्य पत्रिका 'चार्ली हेब्दो'
के दफ्तर पर हमला करके 12 लोगों की हत्या करने वाले तीन आतंकियों में से
एक ने गुरुवार तड़के पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। उसकी उम्र 18
साल है और वह तीनों आतंकियों में से सबसे कम उम्र का है। सूत्रों के
अनुसार, बाकी के दो आतंकी सगे भाई हैं। फ्रांस पुलिस उनकी तलाश में ऑपरेशन
चला रही है। फ्रांस मीडिया के अनुसार जिस आतंकी ने सरेंडर किया है, उसका
नाम हमेद मुराद है। उसने अपना नाम सोशल मीडिया पर आने के बाद आत्मसमर्पण
किया। मुराद 1996 में पैदा हुआ था। पुलिस और खुफिया एजेंसियां उससे गहन
पूछताछ कर रही हैं। जो दो भाई इस हमले के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं,
उनके नाम सैयद कौची (1980) और शेरिफ कौची (1982) हैं। ये दोनों ही फ्रांस
के नागरिक हैं। कौची भाई पेरिस में ही रहते हैं, जबकि मुराद करीब के एक शहर
रिम्स का रहने वाला है। शेरिफ को साल 2005 में आतंकी गतिविधियों के
सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और 2008 में उसे 18 महीने की सजा भी
सुनाई गई थी। हमले के बाद आतंकियों ने नारेबाजी भी की थी। आतंकियों ने मैगजीन के संपादक समेत उनके कुछ सहयोगियों की भी हत्या कर दी थी।
आय एम 'चार्ली हेब्दो'
इस बीच, पेरिस में करीब एक लाख लोगों ने हाथ में मोमबत्ती लेकर 'चार्ली हेब्दो' के दफ्तर में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। ये लोग आय एम 'चार्ली हेब्दो' के नारे लगा रहे थे। फ्रेंच भाषा का शब्द जी सुइस चार्ली यानी 'आय एम चार्ली' स्लोगन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकवादियों के पास एके-47 और रॉकेट लॉन्चर थे। पेरिस की सुरक्षा के लिए 800 सैनिकों को भी तैनात कर दिया गया है। पेरिस की रैली में लोग ‘यह तो मजहब नहीं’ वाले प्लेकार्ड लेकर आए थे।
इस बीच, पेरिस में करीब एक लाख लोगों ने हाथ में मोमबत्ती लेकर 'चार्ली हेब्दो' के दफ्तर में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। ये लोग आय एम 'चार्ली हेब्दो' के नारे लगा रहे थे। फ्रेंच भाषा का शब्द जी सुइस चार्ली यानी 'आय एम चार्ली' स्लोगन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकवादियों के पास एके-47 और रॉकेट लॉन्चर थे। पेरिस की सुरक्षा के लिए 800 सैनिकों को भी तैनात कर दिया गया है। पेरिस की रैली में लोग ‘यह तो मजहब नहीं’ वाले प्लेकार्ड लेकर आए थे।
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