आपका-अख्तर खान

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18 दिसंबर 2014

ऐ मेरे चाँद

ऐ मेरी जाने जिगर
ऐ मेरी जाने तमन्ना
ऐ मेरे चाँद
ऐ मेरे सूरज
ऐ मेरी ज़िदंगी
ऐ मेरी खुशबु
ऐ मेरी धड़कन
ऐ मेरी साँसें
ऐ मेरे रोम रोम
ऐ मेरी शोख चंचल
ऐ मेरी वफ़ा
ऐ मेरी रौशनी
ऐ मेरी क़िसमत
ऐ मेरी लक्ष्मी
तुम्हारे बारे में और क्या लिखूं
जज़्बात भड़क रहे है
क़लम थरथरा रही
आँखे भीग गयी है
अल्फ़ाज़ थर्रा रहे है ,,
इसलिए कहता हूँ
लो मुझ से कर लो बात ,,,,,

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