आपका-अख्तर खान

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02 दिसंबर 2014

में अपने उन सभी भाइयों और बहनो पर गर्व करता हूँ ,,जिन्होंने मुझे प्यार ,,मुझे दुलार दिया मुझे लिखने की आज़ादी दी ,,और इन दिनों जब मेरी लेखनी खामोश थी तब मुझे याद रखा

दोस्तों में अपने उन सभी भाइयों और बहनो पर  गर्व करता हूँ ,,जिन्होंने मुझे प्यार ,,मुझे दुलार दिया मुझे लिखने की आज़ादी दी ,,और इन दिनों जब मेरी लेखनी खामोश थी तब मुझे याद रखा ,,मुझे याद किया ,,मेरी चिंता मेरी फ़िक्र की ,,में  खुशनसीब हूँ जो मुझे आप जैसे दोस्त आप जैसे सलाहकार मिले ,,,यक़ीनन सच कहना और सच लिखना हिम्मत की बात है लेकिन जो सच नंगा हो जो सच फ़ित्ना फैलाता हो उस सच को बेहतर तरीके से रेशम में लपेट कर लोगों के सामने रखना एक कला भी है ,,,,,मेरी खामोशी लोगों की उत्सुकता की वजह भी थी ,,,,मेरा  महबूब मेरा माशूक़ ,,मुझ से दूर हो मुझ से खफा हो और में लिखूं ,,,लोग ऐसा भी  सोचते होंगे ,,कई भाई कई बहनों ने इस मामले में हालात भी जानने की कोशिश की इनबॉक्स में याद आवरी भी की ,,फोन भी किये में सभी का शुक्र गुज़ार हूँ एक आंटी ने तो डार्लिंग कहकर चौंका ही दिया लेकिन डार्लिंग का अर्थ दिल से प्यार से है किसी गलत ख्याल से नहीं यह सभी जानते है में उनका भी शुक्र गुज़ार हूँ ,,,,,,कोटा में राजस्थान में नगरनिगम के चुनाव थे राजस्थान में कांग्रेस को खुलेआम भाजपा के नाम गिरवी रखी जा रही थे कांग्रेस का भाजपाईकरण हो रहा था ,,,कांग्रेस के टिकिट भाजपा के उम्मीदवारों को जिताने के लिए तय किये जा रहे थे ,,,, खासकर कोटा में तो पर्यवेक्षक कमाल ही कर रहे थे दावते और पार्टियां उड़ा रहे थे और टिकिट चयन में मनमानी कर रहे थे ,,,गधे पंजीरी खा रहे थे और हक़दार  तरस रहे थे ,,तब मेने कई बार कांग्रेस को जानबूझकर डुबोने की बात से लोगों को आगाह किया था ,,लिखा था खुद सचिन पायलेट को भी निजी तोर पर मेसेज कर जताया था के अगर कांग्रेस में ऐसी बंदर बाँट चली तो जीती हुई बाज़ी हारोगे और गिनती पर हार का इतिहास बनाकर सिमट जाओगे ,कांग्रेस का केडर वोटर दलित और मुस्लिमों की टिकिट वितरण में घोर उपेक्षा की गयी मुस्लिम बाहुल्य वार्डों में कांग्रेस ने फ़ित्ना फैलाया ,,,कोटा में घंटाघर का मुस्लिम बाहुल्य वार्ड राजस्थान का अकेला ऐसा  वार्ड था जिसे कांग्रेस के सचिन पायलेट ने कोटा के कांग्रेस गद्दार बेवक़ूफ़ नेताओं के कहने में आकर बिना पंजे के निशान का कर दिया क्योंकि स्थानीय नेता इस वार्ड में कमल खिलाने का सौदा कर चुके थे ,,एक टिकिट कांग्रेस का आया और वोह शख्स कांग्रेस का टिकिट  ठुकरा कर भाजपा से उसी वार्ड से टिकिट ले आया ,,इस पूर्व कोंग्रेसी पार्षद के खिलाफ  जानबूझ कर टिकिट ऐसे व्यक्ति को दिया गया जिसका आवेदन ख़ारिज हो गया ऐसे तीन वार्ड थे जहां कांग्रेस का आवेदन ख़ारिज हुआ ,,,एक कोंग्रेसी ने तो हद ही करदी टिकिट लिया आवेदन भरने का नाटक किया और बस फिर आवेदन ही जमा नहीं कराया  नतीजन भाजपा ज़िंदाबाद हो गयी ,,,,,बाईस वार्ड  मुस्लिम बाहुल्य इलाक़ो के थे जहां  मुस्लिम कार्यकर्ताओं को टिकिट दिया जाना था लेकिन इन बस्तों में मुस्लिम वोटटर्स की छाती पर मूंग दलने के लिए टिकिट दिया गया ,,नतीजन हर जगह  कांग्रेस चौथे पांचवे नंबर पर रही ज़मानत ज़ब्त हुई ,,,,,,राजस्थान में यही हाल रहा ,,मुझे मेरे एक मित्र ने आरोपित किया आप गलत कहते हो गलत लिखते हो इसलिए कांग्रेस के खिलाफ  माहोल  बनता है और कांग्रेस हार जाती है ,,,बस मेरे मित्र ने मुझ से वचन लिया आप चुनाव चुनाव खामोश रहोगे कुछ नहीं लिखोगे फिर हम जीत कर बता देंगे ,,मेरे इन प्रादेशिक स्तर के कोंग्रेसी भाई का हुक्म मुझे मानना पढ़ा मेने कहा था के मेरे लिखने या नहीं लिखने से कांग्रेस के कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ता वोह तो आप बढ़े नेताओं ने स्थानीय स्तर पर जो दलाल बिठाए है उनकी वजह से यह सब हो रहा है ,,लेकिन मुझे मेरे भाई की बात मानना थी में चुप और खामोश हो गया ,,,चुनाव चुनाव मेरी बोलती बंद थी ,,में खामोश थे लेकिन जनता और वोटर तो आज़ाद थे यह पब्लिक है सब जानती है ,,,जनता ने अपना फैसला दिया और  कांग्रेस टूट कर बिखर गयी उसकी इज़्ज़त इन नेताओं की वजह से मटियामेट हो गयी ,,सब भागने की त्य्य्यारी में है अब इस कांग्रेस को हम जैसे लोग जो ओरिजनल कोंग्रेसी है जो कांग्रेस के विधान के मुताबिक़ चलना चाहते है जो कांग्रेस को विधान के मुताबिक़ चलाना चाहते है भाईसाहबों की गुलामी से  कांग्रेस को मुक्त कराना चाहते है उन्हें फिर से कांग्रेस ज़िंदाबाद का झंडा बुलंद करना होगा ,,मुझे ख़ुशी है के मेरे यह प्रादेशिक कोंग्रसी मित्र अब मेरे विचारों से सहमत है और हाथ में तलवार लिए ऐसे ज़हरीले कोंग्रेसियों की डालियाँ काटने में जुट गए है ,,,उन्होंने मुझे फिर से इजाज़त दी है कहा है के अख्तर भाई आप जो लिखते हो सच लिखते हो कड़वा लिखते हो लेकिन कांग्रेस के शुद्धिकरण के लिए लिखते हो इसलिए लिखो खूब लिखो में आपके साथ हूँ ,,,मेने लिखना तो शुरू किया लेकिन मेरे प्रादेशिक कोंग्रेसी भाई को मेने बता दिया है के में कांग्रेस के विधान के मुताबिक़ चलने वाला कोंग्रेसी  था ,,हूँ और रहूंगा किसी भाईसाहब का गुलाम किसी भाईसाहब का चमचा किसी समाज का दुश्मन ,,किसी समाज को नुकसान पहुंचाने वाला कोंग्रेसी नहीं हूँ ,,,,,,,कल मुझे हुक्म हुआ के आप खामोश अच्छे नहीं लगते लिखो खूब लिखो तो भाई में फिर आया हूँ आपके बीच ,, अपनी बकवास लेकर ,,,,,मुझे माफ़ करना ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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