आपका-अख्तर खान

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22 दिसंबर 2014

कुदरत ने औरत को

कुदरत ने औरत को हसींन बनाया।
खूबसूरती दी।
चाँद सा चेहरा दिया।
हिरणी सी आँखें दी।
मोरनी जैसी चाल दी।
रेशम से बाल दिए।
कोयल जैसी मीठी आवाज़ दी।
फूल सी मासूमियत दी।
गुलाब से होंठ दिए।
शहद सी मिठास दी।
प्यार भरा दिल दिया।
और फिर....
फिर क्या हुआ जानते हो?
बेवफाई की आदत दी
और सब सत्यानाश हो गया।

1 टिप्पणी:

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