दोस्तों दो दिन दिल्ली का सफर था ,,देश की राजधानी जी हाँ कहने को राजधानी
लेकिन केंद्र सरकार की गुलाम दिल्ली का यह सफर हमने दिल से दिल में रहने
वालों की यादों के साथ दिलवालों के साथ किया ,,,,,हमने देखा दिल्ली में
चुनाव की कोई खास सरगर्मी तो नहीं लेकिन आम लोगों में ,,आम आदमी में ,,ऑटो
वाले ,,रिक्शावाले ,,,,खोमचे वाले सभी के दिलों में आप पार्टी के केजरीवाल
का असर था उनका कहना था केंद्र में नरेंद्र मोदी अच्छे है लेकिन दिल्ली में
सिर्फ केजरीवाल ही है जिन्होंने हमे हमारा हक़ दिलाया सरकार
के अधिकारीयों और पुलिसकर्मियों की अवैध चौथ वसूली से मुक्ति दिलाई
,,केजरविाल के वक़्त हमे पच्चीस हज़ार रूपये प्रतीमाह तक का अवैध चौथवसूली
से रियायत मिली थी पुलिस की हरकते रुकी थी ,,लेकिन अब फिर वही अवैध
चौथवसूली ,,,एक ने तो कहा के नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में मुस्लिम वोटों को
खरीदने के लिए इमाम बुखारी जिसने नरेंद्र मोदी को नहीं बुलाकर अपमान किया
था अपने मंत्री हर्षवर्धन को वोटो का समीकरण बनाने और समझने के लिए लंच पर
भेज दिया ,,,इधर सरकारी कर्मचारी ,,,,,,टैक्स चोर ,,कालाबाज़ारी ,,बेईमान
लोग केजरीवाल को रोकने के लिए चंदा एकत्रित कर येन केन प्रकारेण कोशिशों
में जुटे दिखे ,,,,,,,,,,भाजपा केजरीवाल के वोट विभाजित करने की जुगत में
नज़र आई ,,भाजपा का इशारा है के केजरीवाल की पार्टी का कोई भी स्थापित आदमी
अगर भाजपा में कोई भी लाता है तो उसे विशेष पुरस्कार दिया जाएगा ,,,खेर
दिल्ली डरी हुई सहमी हुई सी लगी एक रोज़ कमाने वाला तब्क़ा ,,गरीब तब्क़ा आम
आदमी इसलिए डरा हुआ था के अगर केजरीवाल हर गए तो उन्हें अवैध चोथवासुलिया
लगातार देना पढ़ेंगी दफ्तरों में परेशान रहना पढ़ेगा ,,दूसरी तरह जमाखोर
,,बेईमान ,,भ्रष्ट ,,कालाबाज़ारी इस खौफ में थे के अगर केजीरवाल फिर आ गया
तो उनकी दुकाने फिर ठप्प हो जाएंगी देखते है दिल्ली में किया नतीजे आते है
,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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