हाल ही में राजस्थान कांग्रेस की कार्यकारिणी बनाई गयी कांग्रेस का दिमाग
,,कांग्रेस की रीढ़ कहे जाने वाले शान्तिकुमार धारीवाल की उपेक्षा के स्वर
उठने लगे ,,,शान्तिकुमार धारीवाल ने पहली बार कोटा नगर निगम चुनाव में रूचि
नहीं दिखाई ,,नतीजे सामने है कांग्रेस का नाम लेवा नहीं है ,,,,,,,प्रदेश
कार्यकारिणी में बैठे लोग शान्तिकुमार धारीवाल के बगैर अधूरे है ,,सभी
जानते है के हर पल हर क्षण कांग्रेस के संकटमोचक रहे शान्तिकुमार धारीवाल
ही है जिनके कार्यकलाओं से आज राजस्थान में कांग्रेस के
लोग सर उठाकर और सीना तानकर चलते हुए कहते है के शान्ति धारीवाल की वजह से
ही राजस्थान बीमारू राज्य से विकसित और सुन्दर राज्यों में गिना जाने लगा
शहर विकसित हुए ,,,अतिक्रमण हटे तो पुनर्वास के नाम पर गरीबों की बल्ले
बल्ले भी हुई ,,,,,,,सभी जानते है कियोस्क योजना जिसमे आज हज़ारों लोग अपना
व्यवसाय कर अपना परिवार पाल रहे है ,,,,,विकास और सौंदर्यकरण की हज़ारों
योजनाये ,,पुल ,,बाईपास ,,नई सड़के ,,,,सभी तो अकेले शांति धारीवाल की देन
है कुल मिलाकर शान्तिकुमार धारीवाल कांग्रेस में कद्दावर और समर्पित नेता
है उन्होंने हमेशा कांग्रेस का परचम बुलंद किया है अगर कांग्रेस जो लोग कह
रहे है ऐसा सोचती है तो यह सब कांग्रेस के लिए आत्मघाती है क्योंकि कहावत
है ज़माना हमसे है ज़माने से हम नहीं राजस्थान में प्लस शान्ति धारीवाल
मज़बूत कांग्रेस है और माइनस शांति धारीवाल कांग्रेस ज़ीरो है ,,,,कांग्रेस
को एक बार फिर ज़िंदाबाद करना है तो शांति धारीवाल को ज़िंदाबाद करना होगा
क्योंकि एक अकेले ऐसे कद्दावर नेता है जिन्होंने वंशवाद का बीज अपनी
राजनीति से हमेशा दूर रखा है और वंशवाद की सियासत के खिलाफ एक अनूठा उदाहरण
पेश किया है ,,,,अख्तर
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