आपका-अख्तर खान

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31 दिसंबर 2014

वर्ष 2014

वर्ष 2014 आया उथल पुथल मचाई ,,कुछ खुशिया दी ,,कुछ गम दिए ,,और चला गया ,,,,इसीलिए कहते है इतराओ मत जो आता है ऐसे ही जाना पढ़ता है ,,,बस कुछ ऐसा कर जाओ के इतिहास बनकर ,,याद बनकर ,,खुशियां बन कर ,,लोगों के दिलों ,,लोगो के दिमाग में समा जाओ ,,जैसे की में ,,समझ गए ना जनाब ,,अख्तर

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