उज्जैन। 22 नवंबर को अगहन मास की अमावस्या है। ये अमावस्या
शनिवार को होने के कारण इस बार शनिश्चरी अमावस्या का योग बन रहा है।
धार्मिक मान्यता है कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव के उपाय व दान करने
से वे प्रसन्न होते हैं। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती, ढय्या व महादशा
हो उनके लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन किए गए उपाय व दान विशेष फल प्रदान
करने वाले होते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषी पं. विनय भट्ट के अनुसार पिछली बार शनिश्चरी अमावस्या का योग 26 जुलाई, 2014 को बना था, वहीं अगली बार ये योग 18 अप्रैल, 2015 को बनेगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार शनिदेव को ग्रहों में न्यायाधीश का पद प्राप्त है। मनुष्य के अच्छे-बुरे कर्मों का फल शनिदेव ही उसे देते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय इस प्रकार हैं-
1- किसी शनिवार को शनि यंत्र की स्थापना व पूजन करें। इसके बाद प्रतिदिन इस यंत्र की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। प्रतिदिन यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीप जलाएं। नीला या काला पुष्प चढ़ाएं ऐसा करने से लाभ होगा।
2- शमी वृक्ष की जड़ को विधि-विधान पूर्वक घर लेकर आएं। शनिवार को श्रवण नक्षत्र में किसी योग्य विद्वान से अभिमंत्रित करवा कर काले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करें। शनिदेव प्रसन्न होंगे तथा शनि के कारण जितनी भी समस्याएं हैं, उनका निदान होगा।
3- काली गाय की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। काली गाय के
सिर पर रोली लगाकर सींगों में कलावा बांधकर धूप-आरती करें फिर परिक्रमा
करके गाय को बूंदी के चार लड्डू खिला दें। ये उपाय आप कभी भी आपकी
इच्छानुसार कर सकते हैं।
4- प्रतिदिन सूर्यास्त के बाद हनुमानजी का पूजन करें। पूजन में
सिंदूर, काली तिल्ली का तेल, इस तेल का दीपक एवं नीले रंग के फूल का प्रयोग
करें। ये उपाय आप हर शनिवार भी कर सकते हैं।
5- प्रत्येक शनिवार को बंदरों और काले कुत्तों को बूंदी के लड्डू
खिलाने से भी शनि का कुप्रभाव कम हो सकता है अथवा काले घोड़े की नाल या नाव
में लगी कील से बना छल्ला धारण करें।
10- शनिवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद सवा किलो काला कोयला, एक लोहे की कील एक काले कपड़े में बांधकर अपने सिर पर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें और किसी शनि मंदिर में जाकर शनिदेव से प्रार्थना करें।
9- प्रत्येक शनिवार को शाम के समय बड़ (बरगद) और पीपल के पेड़ के नीचे
सूर्योदय से पहले स्नान आदि करने के बाद सरसो के तेल का दीपक लगाएं और दूध
एवं धूप आदि अर्पित करें।
10- शनिवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद सवा किलो काला कोयला, एक लोहे की कील एक काले कपड़े में बांधकर अपने सिर पर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें और किसी शनि मंदिर में जाकर शनिदेव से प्रार्थना करें।
11- शनिवार को एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल भर कर उसमें अपना मुख
देख कर और काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू, फल, काला
कोयला और लोहे की कील रख कर डाकोत (शनि का दान लेने वाला) को दान कर दें।
ये उपाय प्रत्येक शनिवार को भी कर सकते हैं।
6- शनिवार के एक दिन पहले पहले काले चने पानी में भिगो दें। शनिवार को
ये चने, कच्चा कोयला, हल्की लोहे की पत्ती एक काले कपड़े में बांधकर
मछलियों के तालाब में डाल दें। यह उपाय पूरा एक साल करें। इस दौरान भूल से
भी मछली का सेवन न करें।
7- किसी शनिवार को अपने दाहिने हाथ के नाप का उन्नीस हाथ लंबा काला
धागा लेकर उसको बटकर माला की भांति गले में पहनें। इस प्रयोग से भी शनिदेव
का प्रकोप कम होता है।
8- चोकरयुक्त आटे की 2 रोटी लेकर एक पर तेल और दूसरी पर शुद्ध घी
लगाएं। तेल वाली रोटी पर थोड़ा मिष्ठान रखकर काली गाय को खिला दें। इसके
बाद दूसरी रोटी भी खिला दें और शनिदेव का स्मरण करें।
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