आपका-अख्तर खान

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09 अक्तूबर 2014

मेरे आंसू

उस वक़्त
गिरे मेरी आँख से
मेरे आंसू
तुमने आज
अहसास दिलाकर
अनमोल कर दिए
औरदेखो में तुम्हे
बेवफा
ज़ालिम कहता रहा
मुझे मुआफ करना
में तुम्हारी आँखों में
मेरे लिए
सजे प्यार को
बस यूँ ही
खेल खिलौना
समझता रहा ,,,,,,,,,,,,,
मेरे आंसू
जिन्हे मेने पानी समझा था
उसे तुम्हारे ज़ाहिर हुए
अहसास ने
आज अनमोल कर दिया ,,,,,अख्तर

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