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07 अक्तूबर 2014

कोर्ट में फिर रो पड़ा रकीबुल उर्फ रंजीत, बोला- एक महीने से सो नहीं पाया


 
रांची. राष्ट्रीय स्तर की रायफल शूटर तारा शाहदेव को प्रताड़ित करने के मामले में जेल में बंद आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल और उसकी मां कौशल्या उर्फ कौशर की वीडियो  कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मंगलवार को पेशी की गई। उसकी अगली पेशी 20 अक्टूबर को होगी। मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग हॉल में दोपहर 12.35 बजे उसे तथा उसकी मां को पेश किया गया था।
 
रो पड़ा रकीबुल
 
अपनी व्यथा सुनाते हुए रकीबुल रो पड़ा। रोते हुए उसने अदालत को बताया कि यह एक पति-पत्नी का मामूली विवाद है। इसे राष्ट्रीय स्तर का विवाद बना दिया गया। उसने कहा कि वह शुरू से ही हिंदू है। उसका नाम हमेशा से रंजीत सिंह कोहली रहा है। लेकिन इस मामले ने उसका नाम रकीबुल ठहरा दिया। उसने रोते हुए अदालत से अनुरोध किया कि मीडिया पर प्रतिबंध लगाया जाए, क्योंकि वह जितनी बातें न्यायालय के समक्ष रखता है, दूसरे दिन अखबार में अक्षरशः छप जाता है। 
 
रंजीत ने सुनाई व्यथा
 
पेशी के दौरान रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल न्यायिक दंडाधिकारी रमेश कुमार के समक्ष अपनी व्यथा सुनाई और कहा कि वह एक महीने दस दिन से जेल में है और इन दिनों में किसी भी दिन वह अच्छी तरह से सो नहीं पाया है। उसे विशेष सेल में रखने के बजाय आम कैदियों के वार्ड में रखा जाए, ताकि वह अन्य कैदियों से बातचीत कर सके। उसने अदालत से कहा कि उसे अदालत में सशरीर पेश करने की व्यवस्था की जाए। कहा कि अदालत में पेशी के क्रम में वह अपने पैरवीकार अधिवक्ता से मिल सकता है। अधिवक्ता को मामले से संबंधित जानकारी उपलब्ध करा सकता है। 
 
शादी में शरीक होना 
 
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रमेश कुमार को संबोधित करते हुए आरोपी रंजीत ने कहा कि किसी की शादी में शरीक होना जुर्म नहीं है। इस मामले में बेवजह पदाधिकारियों (प्रशासनिक व न्यायिक) को घसीटा जा रहा है। यह भी कहा कि पुलिस के समक्ष उसने जो स्वीकारोक्ति बयान दिया है, उससे अलग हट कर मीडिया वाले प्रकाशित कर रहे हैं। वर्तमान में राजनीतिक दल के लोग भी इस मामले को चुनावी मुद्दा बनाते जा रहे हैं। तारा शाहदेव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह शहर में उद्घाटन करती फिर रही है और मैं जेल में सड़ रहा हूं। अदालत से अनुरोध भरे स्वर में कहा कि उसने कभी भी  धर्म परिवर्तन के लिए तारा को मजबूर नहीं किया।
 
जेल से जल्दी निकालो
 
जेल में बंद 80 साल की कौशल्या की परेशानी भी बढ़ गई है। मंगलवार को पेशी के दौरान उसने कोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा कि बेटा मुझे यहां से जल्दी निकालो। इससे पूर्व जज ने कौशल्या से पूछा कि क्या कहना है? जिसके जवाब में कौशल्या ने एक ही बात कही, मुझे जेल से निकालो।

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