राजस्थान भारतीय पुलिस प्रशासनिक सेवा का एक नाम पंकज चौधरी ,,जो ईमानदारी
,,नैतिकता ,,निष्पक्षता ,,निर्भीकता और इन्साफ के पुजारी के रूप में अपनी
मिसाल क़ायम कर चुके है ,,पंकज चौधरी आई पी एस प्रशिक्षु के रूप में कोटा
में रहे ,,यहां सियासी और पूंजीपतियों के दबाव से ऊपर उठकर पंकजचौधरी ने
निष्पक्ष और निर्भीक होकर अपराधियों की नाक में नकेल डाली ,, प्रशिक्षण
समाप्त हुआ समाप्त हुआ और गेहलोत की कांग्रेस सरकार ने पंकजचौधरी की
कार्यशैली को देखते हुए भारत पाक सीमा पर तस्करी की घटनाओं को रोकने
के लिए जैसलमेर एस पी तैनात किया ,,पंकज चौधरी की छापेमारी और सख्त
पुलिसिंग से अपराधियों में हड़कम्प मचा ,,सियासी हस्तक्षेप शुरू हुए और
इन्होने हिस्ट्री शीट निगरानी के तहत गाज़ी फ़क़ीर जो कांग्रेस के नेता थे
उनकी भी हिस्ट्री शीट खोलकर उन्हें निगरानी में रखा और यहे साबित कर दिखाय
के पुलिस किसी सियासी अपराधी या माफिया डॉन की गुलाम नहीं ,,,कांग्रेस को
पंकज चौधरी की यह चौधराहट पसंद नहीं आई और उन्हें वहां से हटा दिया गया
,,,,,,लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने पंकज चौधरी के लिए आंदोलन किया इन्हे
निष्पक्ष ,,निर्भीक ,,अधिकारी बताकर इनका उत्साहवर्धन किया और पंकज चौधरी
को फिर से फील्ड पोस्टिंग की मांग उनकी क़ाबलियत को लेकर की ,,,,बाद में
पंकज चौधरी को बूंदी पुलिस अधीक्षक पद पर भाजपा सरकार ने नियुक्त किया
,,,,,,,लेकिन बूंदी ज़िले के नैनवा में साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने वाले
शैतानों को पंकजचौधरी ने काबू कर उनकी नाक में नकेल क्या डाली के यहे
पंकजचौधरी जो भाजपा के हीरो थे ,,भाजपा की आँख का तारा थे ,,,भाजपा के लिए
घोषित रूप से निष्पक्ष ,,निर्भीक कार्यशैली की मिसाल थे यही पंकज चौधरी
उनकी आँख की किरकिरी बन गए ,,,पंकजचौधरी ने संाप्रदायिक दंगे को नैनवा में
क्या काबू में किया उन्हें इनाम मिलने की जगह सज़ा के रूप में इस भाजपा
सरकार ने दंडित किया ,,,बेआबरू किया ,,बेइज़्ज़त किया ,,अपमानित किया और
इन्हे बिना किसी पुख्ता आधार के सिर्फ दंगाइयों की शिकायत पर आदेश की
प्रतीक्षा में कर मुख्यालय बुला लिया गया ,,पंकज चौधरी से बदले की
कार्यवाही यहीं खत्म नहीं हुई इन्हे सज़ा के तोर पर दिल्ली आर ऐ सी में फेंक
दिया गया ,,,यह भाजपा यह कट्टरपंथी लोग जो बहादुर लोगों का उत्साहवर्धन
करने के नाम पर उत्तरप्रदेश में दुर्गा आई पी एस के लिए संघर्ष करते है
,,खुद पंकज चौधरी को जब जैसलमेर से कांग्रेस हटाती है तब आंदोलन करते है
लेकिन अब खुद इस होनहार ,,कर्मठ पुलिस अधिकारी को दीमक की तरह से चाट रही
है ,,,पंकज चौधरी के साथ हुए इस अन्याय और मनमानी के मामले में इनकी आई पी
एस लॉबी ने भी कोई मदद नहीं की जबकि पुलिस अधिनियम के विशिष्ठ प्रावधान
पुलिस नियामक आयोग के गठन और उसकी सहमति के बगैर ही ऐसे अधिकारी को क़ानून
व्यवस्था नियंत्रण प्रणाली से दूर भेजकर राजस्थान की जनता के साथ
विश्वासघात किया है जबकि क़ानून तोड़ने वाले अपराधियों के हौसले बुलंद करने
के लिए उनके कांटे को साफ़ कर वाहवाही लूट कर खुद को अपराधियों की समर्थित
सरकार साबित कर दिया है ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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