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01 अक्तूबर 2014

"गांधी तेरी सत्य अहिंसा से बस इतना ही नाता है ,

"गांधी तेरी सत्य अहिंसा से बस इतना ही नाता है ,
दीवारों पर लिख देते हैं , दीवाली पर पुत जाता है .    जी हाँ दोस्तों ,,,"राजीव चतुर्वेदी फेसबुक हीरो साहित्यकार के लाजवाब अलफ़ाज़ आज़ादी के बाद से आज तक कांग्रेस शासन की गांधीवादी विचारधारा की लीपापोती की पोल खोलती है ,,कांग्रेस के शासन में गांधी की मूर्ति और स्मारक अलावा कुछ ख़ास नहीं किया ,,,अन्ना हज़ारे जैसे आदमी ने तो गांधी विचारधारा को बदनाम ही करके रख दिया ,,,,,भारत में समाजवादियों की भी सरकार आई इसके पहले भाजपाइयों की भी सरकार आई लेकिन गांधी जयंती हमेशा रस्म बनकर रही ,,,सभी सोचते थे ,,में भी सोचता था के गांधी के हत्यारों की समर्थक पार्टी के लोगों से जुड़े नरेंद्र मोदी गांधी को क्या जाने ,,गांधी को क्यों माने ,,लेकिन में गलत था ,,नरेदंर मोदी की जीत का सच उनकी गांधी वादी रणनीति और मानसिकता ही नज़र आती है ,,उनकी चाल ढाल ,,उनकी कार्यशैली ,,उनका उपवास करने का तरीका सभी तो गांधीवादी  सा लगता है ,,नरेंद्र मोदी गांधीवादी है इसके लिए उन्हें साबित करने की ज़रूरत नहीं उन्होंने विदेशी राजनयिकों को ,,विदेशी महमानों को भी गांधीवादी विचारधारा से अवगत कराया ,,खुद ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर गांधीवादिता का अहसास दिलाया ,,,सरदार वल्लभ भाई पटेल के भगत नरेंद्र मोदी ने जब पटेल की सभी धातुओं की ऐतिहासिक मूर्ति बनाने का अभियान छेड़ा तभी अंदाज़ा था के नरेदंर मोदी जैसे दीखते है वैसे नहीं है ,,उनके लिए उनका धर्म कट्टर है लेकिन देश से ऊपर नहीं ,,नरेदंर मोदी देश की बात करने वाले है और सरदार पटेल की तरह ही कट्टरवादी देश को तोड़ने ,,,देश की सुख शांति खत्म कर अराजकता फैलाने वाली ताक़तों के खिलाफ है ,,,सरदार पटेल ने गांधी के हत्यारों को पकड़ा ,,,उन्हें सज़ा दिलवाई और देश के खिलाफ काम कर रहे हिंदूवादी संगठनों जिसम आर एस एस  भी शामिल थी जेल में डाल दिया ,,,बाद में लिखित में माफ़ी मंगवाकर भविष्य में राष्ट्रविरोधी  गतिविधियों में शामिल  होने की शपथ पर फिर उन्हें जेल से आज़ाद किया लोहपुरुष पटेल गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित थे राष्ट्रवादी थे कोंग्रेसी थे लकिन इस कोंग्रेसी नेता पटेल को  नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस विरोधी पार्टी का नेता होने पर भी अपना आदर्श बनाया और अब वोह इसी कोंग्रेसी नेता पटेल के पद चिन्हों पर चल रहे है ,,पार्टी भाजपा और आदर्श कांग्रेस के नेता के अजीब बात नहीं है ,,कांग्रेस के नेता गांधी से दूर हो गए ,,पटेल से दूर हो गए वोह सिर्फ भाई भतीजावाद ,, भरष्टाचा में लिप्त रहे वोह देश बेचते रहे ,,महात्मागांधी को सिर्फ और सिर्फ रुपयों पर फोटु छाप कर रिश्वत के तरीके के लिए कहावत बनाते रहे के ,, मजबूरी का नाम महात्मा गांधी ,,यानी जब  कहीं अपना काम कराना हो और नहीं हो रहा हो तो मजबूरी में महात्मागांधी के फोटु लगे नोट दो और अपने काम कराओ ,,लेकिन नरेंद्र मोदी गांधीवादी ने जो कहा वोह किया ,,वोह देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है जिन्होंने महात्मा गांधी को अंतराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिया ,,इतना ही नहीं  गांधी जयंती को पहली बार  सार्थक बनाते हुए देश में क्लीन इण्डिया यानी सफाई अभियान चलाया ,,इस अभियान में चाहे सड़कों ,,घरों ,,दफ्तरों ,,, स्कूलों  की सफाई शामिल है लेकिन पर्दे के पीछे देश की सफाई भ्रष्टाचार ,,आतंकवाद ,,जमाखोरी ,,मिलावटखोरी ,,कालेधन व्यापारियों ,,,कट्टरवादी देश तोड़ने की साज़िशों में लगे लोगों से देश को साफ़ करना भी शामिल है मेरे फेसबुक साथी मशहूर युवा शायर भाई सलमान ज़फ़र का शेर पेश है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मुल्क का हौसला थे गांधी जी।
इक महकती दुआ थे गांधी जी।
आज महसूस हो रहा सबको।
देश की आत्मा थे गांधी जी।।
-सलमान ज़फ़र

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